रीवा

बारिश के बाद प्रकृति ने ओढ़ी हरियाली की चादर, जलप्रपातों का बढ़ा आकर्षण

रीवा के पुरवा जल प्रपात में प्रतिदिन पहुंच रहे सैकडों लोग

रीवाJul 15, 2019 / 09:41 am

Vedmani Dwivedi

Purwa Falls is a waterfall in Rewa district

रीवा. झरने की कलकल ध्वनि, एक – एक सीढिय़ां उतर कर छलकता हुआ चलता पानी चारों ओर हरियाली एवं झरने में दूध जैसी सफेदी देखकर नजर ठहर जाती है। कुछ मिनट तक निहारते ही रह जाते हैं। सब कुछ भूल जाते हैं। शांति एवं सुकून महसूस होता है। मानों प्रकृति के खूबसूरत जगह पर आ गए हों। हम बात कर रहे हैं रीवा – सेमरिया रोड स्थित पुरवा जलप्रपात की।

बारिश के बाद यह जलप्रताप चारों ओर से हरियाली ओढ़े हुए मधुर संगीत के साथ आकर्षण का प्रमुख केन्द्र बना हुआ है। सुबह से लेकर शाम तक लोग यहां प्रकृति की सुंदरता देखने खिचे आ रहे हैं। यहां बैठकर घंटो गुजार रहे हैं।

रीवा से ४८ किमी. दूर सेमरिया रोड़ में यह जलप्रतात स्थित है। इसकी गहराई करीब ६० मीटर है। यह जल प्रताप बीहर नदी पर स्थिति है। यहां से आगे निकलकर बीहर नदी टमस में मिल जाती है। यहां की खूबसूरती देखने लिए विंध्य के साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों से लोग खिचे चले आते हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार या फिर अन्य प्रदेश के लोग यदि रीवा आते हैं तो शायद ही हो जब पुरवा जलप्रताप का बिना दीदार किए वापस चले जाएं।

बेहतर हुई है व्यवस्था
इस पिकनिक स्पॉट के आकर्षण को देखते हुए प्रशासन ने पिछले कुछ वर्षों में बेहतर इंतजाम किए हैं। दुर्घटना से बचने के लिए चारों और रेलिंग लगाई गई है। सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं जो वहां जाने वाले लोगों को सुरक्षा एवं अन्य बातों की समझाइस देते हैं।

स्थानीय लोग भी बाहर से आने वाले लोगों का अच्छा सहयोग करते हैं। यही वजह है कि यह पिकनिट स्पॉट पसंदीदा बनता जा रहा है। अभी इसके लिए प्रशासन को और भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। जिससे यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ सके।

हर कोई बनाना चाहता है यादगार
इस पिकनिक स्पॉट पर घूमने पहुंचने वाले लोग अपनी यात्रा को यादगार बनाना चाहते हैं। इसके लिए वे वहां सेल्फी में अपनी मस्ती को कैद करते हैं। प्रकृति का खूबसूरत दृश्य अपने कैमरे में कैद करते हैं।

कोई अपने दोस्तों के साथ तो कोई अपने परिवार के साथ तो कोई अपने गर्ल फ्रेंड के साथ यहां पहुंचकर मस्ती करते हैं। चारों और घूमकर बार – बार देखते हैं। मानो उनका वहां से जाने का मन ही न कर रहा हो। चलने के दौरान बच्चे बार – बार लोटकर देखने जाते हैं, जैसे अभी देखने को कुछ रह गया हो।

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