डिहिया से शुकलंगवा तक सड़क निर्माण के दौरान पहले ही गुणवत्ता मानक स्तर की नहीं थी। वर्ष 2013 में पीएस ने निरीक्षण के दौरान इन सड़कों की खराब गुणवत्ता के चलते ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड कर दिया था। साथ ही उपयंत्री का कार्यपालन यंत्री को दो- वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद भी सड़कों के निर्माण के दौरान गुणवत्ता को लेकर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही बरकरार है।
शहर के विक्रम पुल से लेकर पडऱा तिराहे तक बीस लाख रुपए में बनी सड़क के दो दिन में परखच्चे उड़ गए हैं। इसका विरोध होने पर लोक निर्माण विभाग ने ठेका निरस्त कर दिया है, लेकिन इस सड़क के निर्माण की मॉनीटरिग करने वाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।