बताया जा रहा है वर्ष 2019 पूरे एक साल में केवल एक सड़क का रिन्युवल होने पर जून महीने में निर्माण हुआ है। डिहिया से धोपखरी तक 3.5 किलोमीटर ग्रामीण पहुंच मार्ग में 29.55 लाख रुपए का डामरीकरण कार्य मेंसर्स क्षितिज कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा किया गया था। इस सड़क का निर्माण जून माह में पूरा कराया, लेकिन बारिश के बाद डामर सड़क कई हिस्सों में धंस गई है। इस पर ठेकेदार द्वारा परफारमेंस अवधि में एक दिन पहले पैंच लगाया है। सड़क के गड्ढों में खाली गिट्टी व डामर लगे पैंच रविवार की रात को लगाए और सुबह वाहन चलने पर यह उखडऩे लगे।
पहले खराब मिली थी गुणवत्ता–
डिहिया से शुकलंगवा तक सड़क निर्माण के दौरान पहले ही गुणवत्ता मानक स्तर की नहीं थी। वर्ष 2013 में पीएस ने निरीक्षण के दौरान इन सड़कों की खराब गुणवत्ता के चलते ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड कर दिया था। साथ ही उपयंत्री का कार्यपालन यंत्री को दो- वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद भी सड़कों के निर्माण के दौरान गुणवत्ता को लेकर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही बरकरार है।
डिहिया से शुकलंगवा तक सड़क निर्माण के दौरान पहले ही गुणवत्ता मानक स्तर की नहीं थी। वर्ष 2013 में पीएस ने निरीक्षण के दौरान इन सड़कों की खराब गुणवत्ता के चलते ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड कर दिया था। साथ ही उपयंत्री का कार्यपालन यंत्री को दो- वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद भी सड़कों के निर्माण के दौरान गुणवत्ता को लेकर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही बरकरार है।
शहर में दो दिन में खराब हो गई थी सड़क-
शहर के विक्रम पुल से लेकर पडऱा तिराहे तक बीस लाख रुपए में बनी सड़क के दो दिन में परखच्चे उड़ गए हैं। इसका विरोध होने पर लोक निर्माण विभाग ने ठेका निरस्त कर दिया है, लेकिन इस सड़क के निर्माण की मॉनीटरिग करने वाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
शहर के विक्रम पुल से लेकर पडऱा तिराहे तक बीस लाख रुपए में बनी सड़क के दो दिन में परखच्चे उड़ गए हैं। इसका विरोध होने पर लोक निर्माण विभाग ने ठेका निरस्त कर दिया है, लेकिन इस सड़क के निर्माण की मॉनीटरिग करने वाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।