बताया जा रहा है 19 जुलाई तक संभाग में रीवा में 283.1 मिलीमीटर, सतना में 256.7 मिलीमीटर, सीधी में 169.4 मिलीमीटर और सिंगरौली मं 262.8 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। जबकि अषाढ़ का पूरा माह बिता चुका है। ऐसे में विंध्य में कम बारिश होने की संभावना बन रही है। वहीं मौसम विभाग का दावा है कि अगले 10 दिनों में विंध्य में झमाझम बारिश के असर बहुत कम है। अगस्त के प्रथम सप्ताह में फिर सिस्टम बनने पर बारिश होगी। हालांकि स्थानीय दबाव के चलते कुछ स्थानों में गरज व चमक के साथ बौछारें पडऩे एवं तेज हवाओं के चलने की संभावना बताई गई है। इससे तापमान में कुछ ठंडक रहेगी।
किसानों को खरीफ फसल की चिंता–
बताया जा रहा है खरीफ की मुख्य फसल में धान की नर्सरी किसानों ने तैयार कर लिया है। अब किसानों को धान रोपित करना है, इसके लिए उन्हें खतों में पानी की आवश्यकता है। लेकिन मौसम का रुख देखकर अब किसानों की मुश्किल बढ़ गई है। मौसम का यही क्रम रहा तो धान रोपित नहीं कर पाएंगे।
बताया जा रहा है खरीफ की मुख्य फसल में धान की नर्सरी किसानों ने तैयार कर लिया है। अब किसानों को धान रोपित करना है, इसके लिए उन्हें खतों में पानी की आवश्यकता है। लेकिन मौसम का रुख देखकर अब किसानों की मुश्किल बढ़ गई है। मौसम का यही क्रम रहा तो धान रोपित नहीं कर पाएंगे।
उमस व गर्मी से लोग बेहाल
बारिश के बाद तेज धूप के कारण मौसम आद्रता बढऩे से लोग उमस से परेशान हैं। स्थिति यह है कि गर्मी में कूलर व पंखे काम नहीं कर रहे हैं। इससे लोगों का बुरा हाल है। वहीं तेज धूप के कारण संक्रमित बीमारियों का भी खतरा बढ़ गया है। अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है।
बारिश के बाद तेज धूप के कारण मौसम आद्रता बढऩे से लोग उमस से परेशान हैं। स्थिति यह है कि गर्मी में कूलर व पंखे काम नहीं कर रहे हैं। इससे लोगों का बुरा हाल है। वहीं तेज धूप के कारण संक्रमित बीमारियों का भी खतरा बढ़ गया है। अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है।