कहा कि, वर्ष 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मद्रास में रामानुजन जी की 125 वीं जयंती के अवसर पर 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाने का आह्वान किया। उस वर्ष को राष्ट्रीय गणित वर्ष के रूप में मनाया गया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. आरएन सिंह ने कहा कि, रामानुजन भारतीय गणितीय विरासत के वट वृक्ष हैं।
जिन्होंने तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपने गणित प्रेम व मेधा के चलते आधुनिक युग के महान गणितज्ञ के रूप में अपनी पहचान बनाई। नंबर थ्योरी पर उनके शोध से स्टूडेंट्स को अवगत कराया। सभी छात्र – छात्राओं को रामानुजन के जीवन पर बनी शॉर्ट फिल्म दिखायी गयी। फिल्म देखकर सभी छात्रों ने रामानुजन के जीवन को करीब से समझा।
रामानुजन एवं गणित पर आधारित गीत, भाषण एवं कविताओं के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों को छात्रों ने प्रस्तुत किया। रिसर्च स्कॉलर एवं विभाग के पूर्व छात्रों की उपस्थिति में सभी छात्रों ने जीवन में गणित के महत्व को जाना।
गणित को जीवन की एक कला के रूप में विकसित करने एवं गणित में कमजोर या गणित से घबराने वाले विद्यार्थियों की मदद करने का प्रण लिया। कार्यक्रम में विभाग के प्राध्यापक डॉ. श्रवण कुमार पांडेय, डॉ. गीतेश्वरी पांडेय एवं अनामिका दुबे एवं स्टूडेंट्स मौजूद रहे।