script

राष्ट्रीय लोक अदालत में फिर रचाया विवाह, फ फक- फकर कर रोने लगा किसान

locationरीवाPublished: Jul 14, 2019 02:38:42 pm

Submitted by:

Lokmani shukla

न कोई जीता न कोई हारा, 1601 मामलों में सहमति पर हुआ निर्णय

Re-marriage in national Lok Adalat

Re-marriage in national Lok Adalat

राष्ट्रीय लोक अदालत में फिर रचाया विवाह,फ फक- फकर कर रोने लगा किसान
न कोई जीता न कोई हारा, 1601 मामलों में सहमति पर हुआ निर्णय
7 करोड़ 33 लाख का अवार्ड पारित, 40 खंडपीठों में प्रस्तुत हुए पक्षकार
रीवा। राष्ट्रीय लोक अदालत में शनिवार का दिन उन कई परिवारों के लिए खुशियां लेकर आया जो कि लंबे समय सें न्याय के लिए कोर्ट की दहलीज पर चक्कर काट रहे थे। इनमें कई परिवार ने झगड़े को समाप्त कर फिर विवाह रचा कर जीवनसाथी के साथ घर चले गए। वहीं उन परिवारों के आंखों में चेक मिलने के बाद आंसू छलक आए जिन्होंने सड़क दुर्घटना में अपना सहारा खो दिया था। त्वरित व सस्ता न्याय के लिए आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 1601 मामले सहमति के आधार पर निराकृत किए गए। वहीं निराकृत मामलों में 7 करोड़ 33 लाख रुपए का अवार्ड पारित किया गया है। इन मामलों में न किसी की जीत हुई और न ही किसी की हार।
जिला न्यायालय परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में सुबह जिला सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार सिंह ने सरस्वती मां की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्जवलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया। लोक अदालत में 10735 न्यायालयों में लंबित मामले एवं 11229 मामले प्री लिटीगेशन के रखे गए थे। इसके लिए गठित 40 खंडपीठ में 1601 मामलों में पक्षकारों की सहमति मिलने पर निराकृत किए गए है। इस दौरान जिला सत्र न्यायाधीश ने कहा कि लोक अदालत में मामले निराकृत होने से यह हमेशा के लिए समाप्त हो जाते हंै। वहीं लोगों में आपसी प्रेम भी बना रहता है। यही कारण है लोक अदालत के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। इस अवसर पर राज्य उपभोक्ता संघ के अध्यक्ष शिवेन्द्र उपाध्याय, उपाध्यक्ष बीडी द्विवेदी, कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रामजी पटेल एवं वाचस्पति मिश्रा, विशेष न्यायाधीश उमेश पांडव, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश गिरीश दीक्षित, द्वितीय अतिरिक्त न्यायाधीश मोहम्मद शकील खान, तृतीय अतिरिक्त न्यायाधीश सुधीर सिंह रौठौर सहित अन्य न्यायाधीशगण मौजूद रहे।

फिर एक दूजे के लिए हुए पति पत्नी
राष्ट्रीय लोक अदालत में पीएचई विभाग के कर्मचारी का पत्नी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। परिवार न्यायायल में गठित खंडपीठ में समझाईश के बाद वे राजी हुए। दोनों पति-पत्नी की उम्र 40 साल से अधिक है। पत्नी के गांव में रहने के कारण विवाद हो गया जो लंबे समय से चल रहा था। लोक अदालत मे उनको समझाइश दी गई इसके बाद वे खुशी से घर गए। इसी तरह भोपाल मंत्रालय में पदस्थ कर्मचारी एवं रीवा मेें पदस्थ महिला पटवारी को परामर्श केन्द्र ने खंडपीठ के सामने प्रस्तुत किया। जिसमें पति-पत्नी ने न्यायालय में फिर से एक दूसरे को माला पहनाकर साथ रहने की शपथ ले और घर के लिए रवाना हो गए। वहीं आशा यादव निवासी बरा कठार थाना चोरहटा का पति मुनेश यादव से अनबन चल रही थी। इनका भरण पोषण का मामला चल रहा था। जिनकों भी समझाइश दी गई जिसपर वे एक साथ रहने को राजी हो गए। कुल 30 परिवारों को फिर से मिलाया गया।
फ फक- फकर कर रोने लगा किसान
मनगंवा से आए किसान संतोष द्विवेदी ने लोक अदालत में आकर ७०३५ रुपए समझौता शुल्क अदा। विद्युत चोरी के मामले में विद्युत कंपनी ने उनको १०७३५ रुपए का बिल जारी किया था। लेकिन बिल जमा करने के बाद जैसे ही जांच अधिकारी दिखे किसान उन पर बरस पड़ा। साथ ही फफक कर रोते हुए बोला कि बोर में पानी नहीं है, इसके बावजूद आप ने विद्युत चोरी का प्रकरण बना दिया है यह कहां का न्याय है।
फिर लोक अदालत से आ गया समन
विद्युत कंपनी द्वारा लोक अदालत में पुन: नोटिस जारी करते अधिकारी
पोड़ी निवासी अमृतलाल गौतम ने बताया कि इसके पहले ९ मार्च को आयोजित लोक अदालत में विद्युत कंपनी ने नोटिस जारी किया था। उस दौरान भी समझौता करने को आए लेकिन विद्युत कंपनी के अधिकारियों ने फिर से नोटिस जारी कर दिया। अब अधिकारी बोलते है कि बाद में आना, लगातार दो बार से पेशी लगा रहे है। टीसी रसीद होने के बावजूद विद्युत कंपनी के अधिकारियों ने विद्युत चोरी का मुकदमा बना दिया है।

ट्रेंडिंग वीडियो