scriptरीवा में रेडी-टू-इट योजना में पांच करोड़ के हिसाब में गड़बड़ी | Ready-to-It : Five crore rupees in Ready-to-It scheme in Rewa | Patrika News

रीवा में रेडी-टू-इट योजना में पांच करोड़ के हिसाब में गड़बड़ी

locationरीवाPublished: Nov 29, 2020 11:25:17 am

Submitted by:

Rajesh Patel

जिपं सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में सदस्यों के द्वारा लाए गए प्रस्ताव में खुलासा, कलेक्टर से परीक्षण कराने जिपं सदस्यों ने किया मंथन

Ready-to-It : Five crore rupees in Ready-to-It scheme in Rewa

Ready-to-It : Five crore rupees in Ready-to-It scheme in Rewa

रीवा. जिला पंचायत से लेकर नगर निगम कार्यालय तक नौनिहालों के भोजन पैकेट में बड़े पैमाने पर हिसाब में अनियमितता की गई है। जिला पंचायत और निगम के तत्कालीन अफसरों से निजी संस्था ने साठगांठ कर रेडी-टू-इट योजना में लाखों रुपए की अनियमितता की गई है। जिला पंचायत सदस्यों ने मध्यान्ह भोजन परिषद के राज्य समन्वयक को पत्र भेजकर पूरे मामले की जानकारी दी है। जिसमें लगभग पांच करोड़ रुपए से अधिक खजाने को नुकसान पहुंचाने की बात कही है।
कलेक्टर से परीक्षण कराने लाया प्रस्ताव
जिला पंचायत सदस्यों के द्वारा जांच कराने के लिए बैठक में लाए गए प्रस्ताव और जांच कराने जिला प्रशासन को भेजने के लिए तैयार किए ब्लूप्रिंट में कहा है कि कोरोना काल के दौरान रेडी-टू-ईट फूड पैकेट के माध्यम से बच्चों को घर-घर भोजन वितरण किए जाने का दावा किया गया है। प्रस्ताव के अनुसार कोरोना काल में बच्चों को घर-घर पैकेट का वितरण नहीं किया गया। संस्था ने तत्कालीन अफसरों से साठगांठ कर नौनिहालों के भोजन में बड़े पैमाने पर गड़बगड़ी की है।
हर माह 30 लाख की योजना में गड़बड़ी
जिला पंचायत सदस्यों ने प्रभारी ंसीइओ को जानकारी दी है कि रेडी-टू-ईट फूड योजना के तहत निजी संस्था के द्वारा हर माह फूड पैकेट तैयार कराने के लिए 13 लाख रुपए का राजकीय कोष से आहरित कर रही थी। इसके अलावा करीब 15 लाख रुपए का खाद्यान्न नागरिक आपूर्ति निगम कार्यालय से जारी होता रहा। दोनों को मिलाकर लगभग 28-30 लाख रुपए राजकीय कोष को चपत लगाया गया। हर साल 300 लाख से अधिक की अनियमितता की गई है। इस तरह से पूरे मामले में करीब पांच करोड़ के हिसाब में गड़बड़ी की गई है।
जिपं ने संस्था से किया था अनुबंध
केन्द्रीय किचेन योजना के तहत निर्मला ज्योति महिला मंडल नाम की संस्था का चयन किया गया है। जिपं ने टेंडर कराया था। निगम अधिकारियों को इसकी मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है। जिपं सदस्यों की ओर से लाए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि चयनित संस्था के अनुंबंध के समय में खेल किया गया है। प्रभारी अधिकारी के द्वारा समयसीमा दो वर्ष की जगह तीन वर्ष कर दिया गया। वर्तमान अधिकारियों को मध्यान्ह प्रभारी ने भ्रमित कर तीन से बढ़ाकर चार साल कर दिया गया है।
रसोइयां के भुगतान में भी फर्जीवाड़ा
—जिपं कार्यालय के मध्यान्ह शाखा में अनुबंध शर्त में खेल के दौरान रसोइयां के भुगतान में भी फर्जीवाड़ा किया गया है। बताया गया कि अनुबंध शर्तो से हटकर रसोइयां का भी भुगतान पोर्टल में लोड कर दिया गया है।
वर्जन…
सदस्यों के द्वारा रेडी-टू-ईट फूड पैकेट योजना का परीक्षण कलेक्टर से कराने का प्रस्ताव लाया गया है। इससे पहले मध्यान्ह भोजन परिषद राज्य समन्वयक को भी पत्र भेजा जा चुका है। पूरी योजना में पांच करोड़ से राजकीय कोष को चपत लगाई गई है।
अभय मिश्रा, जिपं अध्यक्ष
सदस्यों के द्वारा सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में जो प्रस्ताव पारित किया गया है उसी के तहत कार्रवाई की जाएगी।
एबी खरे, एडिशनल सीइओ, जिला पंचायत

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