पहले चरण में 39 लोगों की सूची जारी कर कहा है कि इनकी राशि वापस की गई है। इडब्ल्यूएस मकानों के लिए पूर्व में नगर निगम ने २० हजार रुपए जमा कराने के साथ ही पंजीयन किया था। इसमें शर्त रखी गई थी कि 7.10 लाख रुपए मकान की कीमत है, जिसमें दो लाख रुपए हितग्राही को जमा करना होगा। इसी राशि में से २० हजार जमा कराए गए और शेष राशि बैंक फाइनेंस कराने के लिए कहा गया था। अब निगम ने शर्त जोड़ दी है कि इसका लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा जो अब तक स्लम बस्तियों में रहते रहे हैं। अन्य आवेदकों को 4.75 लाख रुपए में मकान देने की बात कही जा रही है। इसको लेकर विरोध भी शुरू हो गया है। कई हितग्राहियों ने आवेदन देकर कहा है कि उनके साथ धोखा गया है। पार्षदों ने भी निगम के अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाया है। बीते करीब महीने भर से इसको लेकर आए दिन धरना-प्रदर्शन भी चल रहा है। इसी वजह से कई आवेदकों ने कहा है कि वह अधिक राशि जमा नहीं करेंगे, इसलिए उनके द्वारा पूर्व में जमा की गई राशि वापस की जाए। इतना ही नहीं कुछ ऐसे भी हैं, जिनके दस्तावेजों में शर्तों का पालन नहीं हो रहा है, उनसे भी निगम के अधिकारियों ने आवेदन लिया है कि राशि लौटाई जाए।
– इनकी राशि लौटाने का आदेश
निगम की ओर से जिन हितग्राहियों की राशि लौटाने की सूची जारी की गई है, उसमें प्रमुख रूप से संतोष कुमार सेन, मुन्नालाल पटेल, रमेश यादव, आनंद मिश्रा, देवेन्द्र शुक्ला, संगीता साकेत, सपना कुशवाहा, दिनेश कुमार साकेत, समीम अंसारी, दिनेश पाण्डेय, प्रियंका सिंह, वंदना मिश्रा, विष्णु चौधरी, रमेश सिंह, सुरेश सिंह, प्रदीप पाण्डेय, सानू सिंह, केशव कुशवाहा, प्रेमवती शुक्ला, संगीता कुशवाहा, सीमा मिश्रा, कामता गुप्ता, कुसुमकली, प्रियंका पाण्डेय, नागेन्द्र सोनी, सियाबाई, कमला कुशवाहा, रामकली कुशवाहा, अरुण गुप्ता, हेमराज दुबे, नूरुनिशा, सनी समुद्रे, सुशीला रावत, पंकज पाण्डेय, सीमा वर्मा, विजय वर्मा, विकास पाण्डेय, तीरथ बसोर, अशोक कुशवाहा आदि की राशि लौटाई गई है। कहा गया है कि जैसे-जैसे नाम सत्यापित होते जाएंगी, अलग सूची भी जारी होती रहेगी।
– बीएलसी घटक की भी किश्त रुकी
प्रधानमंत्री आवास योजना के बीएलसी घटक के हितग्राहियों की भी किश्त अटकी हुई है। जिसकी वजह से लंबे समय से मकानों का निर्माण अधूरा है। इसमें उन हितग्राहियों को शामिल किया गया है जो स्वयं की भूमि पर मकान बनाने के लिए आवेदन किए थे, इसमें ढाई लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी। बताया गया है कि हितग्राहियों को दी जाने वाली करीब 4 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान एलआइजी और एमआइजी मकानो का निर्माण करा रहे ठेकेदारों को कर दिया गया है। इसको लेकर भी शिकायतें की गई हैं।
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हितग्राहियों ने पूर्व में राशि जमा कर अपना पंजीयन कराया था लेकिन अब वे स्वयं लिखकर दे रहे हैं कि मकान की आवश्यकता नहीं है। इसके सबके अपने अलग-अलग कारण हैं। करीब 68 लोगों को सत्यापित किया गया है, जिन्हें राशि लौटाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
एपी शुक्ला, नोडल अधिकारी आवास योजना