जानकारी के अनुसार 16 वर्षीय नाबालिग किशोरी की शादी एक 45 वर्षीय व्यक्ति से की जा रही थी। कहा ये भी जा रहा है कि बावजूद इसके किशोरी शादी के लिए पूरी तरह से तैयार थी। उसका कहना रहा कि शादी के बाद वह ससुराल जा कर अपनी पढाई आगे जारी रख सकती है। फिलहाल वो 10वीं तक पढ़ी है। कहा जा रहा है कि लड़की का कहना था कि शादी रुक जाने से उसकी पढ़ाई भी रुक जाएगी, जो वो नहीं चाहती। वह तो पढ़ना चाहती है। इस पर प्रशासनिक अधिकारियों ने उसे समझाया कि बालिग होने के बाद वह अपनी मर्जी से विवाह कर सकेगी। लेकिन अभी ये संभव नहीं है।
उधर जब प्रशासनिक अधिकारी विवाह को रुकवा कर लड़का-लड़की पक्ष के परिवारजनों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने को हुए तो दोनों पक्ष, रिश्तेदारों को आरोपी बनाने लगे। उनका कहना था कि इस शादी के बारे में उन्हें पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई थी। सारा किया धरा रिश्तेदारों का है। हालांकि पुलिस दोनों पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
आरोप है कि किशोरी मामा और मौसी के साथ रहती थी और मामा व मौसी ने ही उसके पिता की मर्जी के बगैर किशोरी की शादी तय कर दी। इस पर शादी के दौरान ही किशोरी के पिता और बुआ ने आपत्ति जताई। साथ ही मामा व मौसी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें खुद सही समय पर शादी की जानकारी नहीं दी गई जिसकी वजह से यह बाल विवाह होने जा रहा था।
इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार वर्मा का कहना है कि नाबालिग के विवाह करने की बात प्रकाश में आई थी जिसको तत्काल प्रभाव से रोका गया है। दोनों पक्षों के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध कर मामले की विवेचना की जा रही है।