– आरक्षण रोस्टर का नहीं किया पालन
जिन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विश्वविद्यालय की ओर से नियमित किया गया, उसमें आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया गया। इसलिए उक्त कर्मचारियों के आरक्षण से जुड़ी जानकारी का कोई दस्तावेज भी विश्वविद्यालय के पास नहीं है। अजाक्स कर्मचारी संगठन के संभागीय महासचिव रामसुजान साकेत ने कहा है कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के कर्मचारियों को इसमें शामिल नहीं किया गया था। हाल ही में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी में विश्वविद्यालय ने कहा कि जब अभिलेखों का संधारण ही नहीं किया गया तो सत्यापित प्रति देने का सवाल नहीं उठता।
– रिटायर हो रहे कर्मचारी, पेंशन पर पेंच
विश्वविद्यालय की सेवा के बाद कर्मचारी रिटायर्ड भी होते जा रहे हैं। शासन द्वारा पेंशन का लाभ इन्हें नहीं मिल पा रहा है। जिसकी शिकायत लेकर ये रिटायर्ड कर्मचारी भटक रहे हैं। रिटायर होने वाले तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्य सहायक रामबहोर पटेल, कुक कुसुमकली, चौकीदार रामबहोर पटेल, रामभान सिंह, भृत्य सुदर्शन मिश्रा आदि शामिल हैं।
– शासन ने स्थाई घोषित करने का पूछा कारण
उच्च शिक्षा विभाग के पास कई बार यह मामला पहुंच चुका है, विश्वविद्यालय को पत्र भी लिखे जाते रहे हैं। कुछ समय पहले ही कुलसचिव को पत्र आया था जिसमें पूछा गया था कि आकस्मिक निधि से 84 कर्मचारियों को नियमित वेतनमान किन नियमों के तहत स्वीकृत किया गया है। बताया गया है कि 1995 से नियमित वेतनमान कर्मचारियों को दिया जा रहा था। 14 मई 2010 से इन्हें स्थाई घोषित कर दिया गया है। इस पूरे मामले की जानकारी उच्च शिक्षा विभाग ने चाही है लेकिन विश्वविद्यालय की ओर से कोई ठोस कारण नहीं बताया गया, जिसकी वजह से आगे भी इनके पद स्वीकृत होने का मामला खटाई में पड़ सकता है।