scriptकोविड महामारी के बीच रेजिडेंट्स ने दी हड़ताल की धमकी | Residents of Sanjay Gandhi Hospital warned of strike amid Covid 19 | Patrika News

कोविड महामारी के बीच रेजिडेंट्स ने दी हड़ताल की धमकी

locationरीवाPublished: May 06, 2021 04:50:20 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

संजय गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल का मामला

संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय रीवा

संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय रीवा

रीवा. कोरोना की इस दूसरी लहर में जब संक्रमण दर बहुत तेज है, संजय गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पातल के रेजीडेंट्स (जूनियर डॉक्टर) ने हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। जूनियर डॉक्टर एसोसियेशन ने यहां तक कहा है कि वो शुक्रवार से कोविड पेशेंट्स का भी इलाज नहीं करेंगे। वो कोविड वार्ड में जाएंगे ही नहीं। उन्होंने गुरुवार से ही आपात सेवा से दूरी बना ली है। अब शुक्रवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।
उनका कहना है कि सरकार के समक्ष कई मर्तबा जूनियर डॉक्टरों ने अपनी मांगे रखीं लेकिन आश्वासन के अलावा सरकार ने उनकी कोई मांग पूरी नहीं की। इसी वजह से जूनियर डॉक्टर अब हड़ताल करने को मजबूर हैं। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के रीवा इकाई के अध्यक्ष डॉ रजनीश मिश्रा का कहना है कि विगत दिनों जूनियर डॉक्टरों के संगठन द्वारा विगत 8 अप्रैल से 12 अप्रैल तक समानांतर ओपीडी चलाई गई थी। वहीं 13 अप्रैल को हड़ताल में जाने का निर्णय लिया गया था। इस पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग ने मांगे मान लेने का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक मांगे पूरी नहीं हुई।
प्रदेश सरकार के प्रति अपना असंतोष व्यत करते हुए जूडा अध्यक्ष ने कहा कि डॉक्टरों के इलाज के लिए कोई प्रबंध नहीं, आये दिन अटेंडरों द्वारा डॉक्टरों के साथ मारपीट करना, कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने के दौरान संक्रमित डॉक्टरों के क्वारेंटीन की सुविधा न होना वहीं कोरोना संक्रमित रेसीडेंट डॉक्टरों की सैलरी में कटौती करना आदि कई समस्यायें हैं जिन्हें लेकर जूडा संगठन ने हड़ताल करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि समस्त जूनियर डॉक्टर विगत एक वर्ष से सामान्य मरीजों के साथ कोरोना मरीजों के इलाज में तत्परता से लगे हुए हैं। इस दौरान हमने कई अपने चिकित्सक साथियों को खोया, उसके बावजूद भी सरकार का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है। इससे जूनियर डॉक्टरों में सरकार के प्रति असंतोष है। मजबूरी में जूनियर डॉक्टर एसोसियेशन द्वारा हड़ताल में जाने का निर्णय लिया गया है।
कहा कि हालांकि गुजरात, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली आदि राज्यों में जूनियर डॉक्टरों के हित में मूलभूत सुविधायें देने और वेतन वृद्धि के आदेश जारी किये गए हैं लेकिन मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आज दिनांक तक जूनियर डॉक्टरों के हित में कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
मजबूरी में जूनियर डॉक्टर एसोसियेशन द्वारा हड़ताल में जाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत 7 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है। चाहे क्यों न जूनियर डॉक्टरों की ड्यूटी कोविड वार्ड में लगाई गई हो, ड्यूटी ज्वाइन नहीं करेंगे।
कोरोना संक्रमण काल में जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल में भर्ती मरीजों पर गंभीर संकट खड़ा हो सकता है। वहीं मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के लिए यह विषम स्थिति होगी। जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल में जाने से अस्पताल आए मरीजों को उपचार का संकट उत्पन्न होगा। कारण यह कि संजय गांधी अस्पताल की उपचार व्यवस्था जूनियर डॉक्टरों के कंधे पर ही टिकी हुई है। इसलिए उनके हड़ताल में जाने से अस्पताल की उपचार व्यवस्थायें पूरी तरह से चरमरा जाएगी।
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