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विश्वविद्यालय के छात्र अब किताबों में पढ़ेंगे प्रदेश की सहकारी नीति, जानिए क्या है रणनीति

समन्वय समिति से हरी झंडी मिलना बाकी…

रीवाSep 06, 2018 / 01:32 pm

Ajeet shukla

Rewa APSU prepares to include cooperative policy in course

Rewa APSU prepares to include cooperative policy in course

रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में विभिन्न पाठ्यक्रमों के छात्र अब सरकार की सहकारी नीति को पढ़ेंगे। इस संबंध में विश्वविद्यालयों की समन्वय समिति ने तैयारी की ही है। समिति से हरीझंडी मिलने के बाद पाठ्यक्रमों में नई सहकारी नीति को शामिल कर लिया जाएगा। एपीएस में की जा रही तैयारी समन्वय समिति की ओर से शुरू इसी कवायद का नतीजा माना जा रहा है।
पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा नई सहकारी नीति
विश्वविद्यालय सूत्रों की माने तो मध्य प्रदेश की सहकारी नीति 2018 के कुछ बिन्दुओं को विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल किए जाने की योजना बनाई गई है। समन्वय समिति ने इस बावत कुलपतियों की एक अलग समिति बनाकर नई सहकारी नीति के प्रारूप का परीक्षण करने और पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए प्रतिवेदन सौंपने की जिम्मेदारी दी है। एपीएस में की जा रही तैयारी समन्वय समिति की ओर से शुरू इसी कवायद का नतीजा माना जा रहा है।
नीति को पाठ्यक्रम में शामिल करने का उद्देश्य
विभिन्न पाठ्यक्रमों में सहकारी नीति को शामिल करने का उद्देश्य सहकारी शिक्षा व प्रशिक्षण के उच्च अकादमिक मापदंडों को सुनिश्चित करना और सहकारी शिक्षा को बढ़ाना देना है। विश्वविद्यालय में इसको लेकर समन्वय समिति से हरी झंडी मिलने के बाद ऑफीशियल रूप से कार्यवाही शुरू की जाएगी। बाद में समस्या न हो, इसलिए कार्यवाही पहले ही शुरू कर दी गई है।
पाठ्यक्रम में तेजी के साथ होंगे कई बदलाव
स्नातक हो या स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रमों में बड़े बदलाव की तैयारी है। प्रक्रिया धीरे-धीरे शुरू है। परिवर्तन एक के बाद एक किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के सूत्रों की माने तो धीरे-धीरे पाठ्यक्रमों में बड़ा बदलाव कर दिया जाएगा। यह बदलाव वर्तमान में रोजगार व शासकीय सेवाओं में आवश्यकता के मद्देनजर किया जा रहा है। विश्वविद्यालय की ओर से रोजगारपरक कई पाठ्यक्रम शुरू भी किए गए हैं। विश्वविद्यालयों की समन्वय समिति भी इसी प्रयास में है। समिति की ओर से भी विभिन्न पाठ्यक्रमों में बदलाव किए जा चुके हैं।
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