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स्वरोजगार के लिए सहायता दिलाने वाले शहरों में रीवा पिछड़ा, प्रदेश के टॉप – 20 शहरों में भी नहीं बनाया स्थान

locationरीवाPublished: Jul 29, 2018 06:00:33 pm

Submitted by:

Balmukund Dwivedi

शहरी आजीविका मिशन की रैंकिंग में रीवा का 28वां स्थान, उमरिया पांचवे, सीधी आठवें और सतना 16वें स्थान पर रहा

nagar nigam

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रीवा. स्वरोजगार के लिए सरकारी सहायता उपलब्ध कराने की योजना अब कागजी आंकड़ों में भी कमजोर पड़ती जा रही है। खासतौर पर रीवा शहर अन्य कई छोटे शहरों से भी इस मामले में पिछड़ गया है। हाल ही में जारी की गई रैंकिंग में प्रदेश में रीवा को 28वां स्थान मिला है। कुछ महीने पहले यह टॉप में हुआ करता था। स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के बाद इसे पोर्टल पर आनलाइन फीड भी करना होता है। इसी को काम की प्रगति मानते हुए रैंक जारी की जाती है। दीनदयाल अंत्योदय योजना राज्य शहरी आजीविका मिशन के नाम से संचालित योजना की शुरुआत पहले ५५ शहरों में शुरूकी गई, इसके बाद इसे बढ़ाकर 70 कर दिया गया है। आंतरिक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और कामकाज का लेखाजोखा जानने के लिए ही रैंकिंग जारी की जा रही है। बीते 20 जुलाई तक आर्थिक कल्याण से जुड़ी सभी योजनाओं की समीक्षा के लिए आनलाइन फीडिंग कराईगई, जिसके बाद शहरों की रैंक जारी की गई है।
वार्डों में नहीं लगा पाए शिविर
सरकार ने स्वरोजगार योजनाएं स्वीकृत करने के लिए नगर निगम को निर्देशित किया था कि वार्डों में इसके लिए शिविर लगाए जाएं। इसमें पार्षदों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लेकर अधिक से अधिक हितग्राहियों को शिविर तक लाएं। नगर निगम के अधिकारी दूसरे कार्यों में उलझे रहे, इस पर अधिक ध्यान नहीं दिए जाने की वजह से रैंकिंग में लगातार शहर पिछड़ता जा रहा है।
दो तरह से उपलब्ध करा रहे ऋण
स्वरोजगार प्रारंभ करने के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना राज्य शहरी आजीविका मिशन के तहत दो तरह से ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। एनयूएलएम के प्रबंधक पुष्पेन्द्र सिंह का कहना है कि योजना के एक घटक में 50 हजार रुपए तक की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है, जिसमें 55 वर्ष तक के गरीब परिवारों को ही लाभ मिल सकता है। वहीं दूसरे घटक में पांचवी पास होना अनिवार्य किया गया है, इसमें दो लाख रुपए तक का ऋण स्वीकृत कराया जाता है। सिंह का कहना है कि इसमें सात प्रतिशत से अधिक जो भी ब्याज बैंकों द्वारा लिया जाता है उसे निकाय स्तर पर उपलब्ध कराया जाता है।
46 प्रतिशत ही टारगेट हुआ पूरा
रीवा नगर निगम को जो टारगेट मिला था उस पर 46 प्रतिशत की ही पूर्ति हो पाई है। इसी के चलते रैंकिंग में 28वें स्थान पर खिसक गए। स्वरोजगार के लिए 300 का लक्ष्य दिया गया था। जिसमें 138 प्रकरणों की स्वीकृति हो सकी। वहीं वितरित प्रकरणों की संख्या 24 ही रह गई। लक्ष्य पूर्तिके लिए समय-समय पर विभाग के अधिकारियों द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग भी की जाती रही।
विंध्य के शहरों की रैंक
शहर रैंक
उमरिया – 04
सीधी – 08
मैहर – 13
सतना – 16
रीवा – 28
पन्ना – 35
शहडोल – 39
सिंगरौली – 43
अनूपपुर – 59
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