होटल राजविलास में आयोजित इस जनसंवाद में लोगों ने अपनी बातें रखीं। इस चर्चा का प्रमुख विषय आत्महत्या की ओर बढ़ते कदम पर चिंतन करने का रहा। पूर्व मंत्री पुष्पराज सिंह ने कहा कि विंध्य की सभ्यता व संस्कृति की अपनी अलग पहचान थी। शांतिपूर्ण क्षेत्र की चर्चा दूसरे स्थानों पर भी होती रही है। हमारे संस्कारों को लोगों ने अपने आत्मसात करने का प्रयास किया लेकिन अब जिस तरह का माहौल बन रहा है, उससे समाज का पतन होता जा रहा है। युवा पीढ़ी नशे की ओर जा रही है, जिससे आपसी तनाव, आपराधिक गतिविधियों की ओर झुकाव की वजह से वह आत्महत्या जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। यह चिंता का विषय है, सबको आगे आना होगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता घनश्याम सिंह ने कहा कि एक ऐसा आयु वर्ग होता है, जिसके भीतर स्वयं कुछ करने से अधिक दूसरों की नकल करने पर ध्यान अधिक जाता है। उन्होंने नशे की प्रवृत्ति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि मादक पदार्थों का सेवन करने से अधिक गंभीर विषय यह है कि अवैध रूप से इन पदार्थों की बिक्री कैसे हो रही है। उन्होंने लोगों को कानूनी जानकारियां दी और कहा कि सबको जागरुक होकर आगे आना होगा। लोक शिक्षण के संयुक्त संचालक अंजनी त्रिपाठी ने कहा कि नशे की प्रवृत्ति को रोकना बहुत जरूरी है। कम आयु के बच्चे जो शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं, वह भी नशे की ओर बढ़ते जा रहे हैं।
इस दौरान डॉ. प्रभाकर चतुर्वेदी, ममता नरेन्द्र सिंह, राकेश सिंह, राकेश तिवारी, बीके प्रकाश, शत्रुधन सिंह सलैया, शिवप्रसाद प्रधान, असद खान, महेन्द्र शर्राफ, मनीष सिंह, संजीव सिंह, अल्का शर्मा सहित कई अन्य लोगों ने भी अपनी राय रखी।
– संभागायुक्त भी पहुंचे जनसंवाद में
इस कार्यक्रम में लोगों से संवाद करने के लिए संभागायुक्त डॉ. अशोक भार्गव भी पहुंचे लेकिन आवश्यक कार्य की वजह से वह जल्द ही चले गए। डॉ. भार्गव ने भी कहा कि नशा ही व्यक्ति के भटकाव का प्रमुख कारण हैं। समाज के प्रमुख लोगों का यह दायित्व है कि वह आवश्यकता पडऩे पर सही राह दिखाएं। उन्होंने शहर में आयोजित किए गए इस तरह के कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इससे सकारात्मक संदेश जाएगा और भी लोग आगे आएंगे।
– सीएम को भेजेंगे सुझाव
जनसंवाद में आए सुझावों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी। पुष्पराज सिंह ने कहा कि यह मांग किसी एक व्यक्ति या संगठन की नहीं बल्कि पूरे रीवा की होगी। समाज के पतन का जो कारण है, वह भी उल्लेखित किया जाएगा और इसके दोषियों की भूमिका भी बताई जाएगी। ताकि मुख्यमंत्री अलग-अलग विभागों को निर्देशित कर इस पर सार्थक कदम उठाएं।
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