रीवा

व्याख्याताओं को मिलेगा यह लाभ, अब बस थोड़ा करें इंतजार

अभी सारे के सारे हैं लाभ से वंचित…

रीवाMay 20, 2018 / 02:55 pm

Ajeet shukla

School Education Department released 89 lakhs in advance for sports

रीवा। शिक्षा विभाग की ओर से क्रमोन्नति का लाभ दिए जाने के बाद सहायक शिक्षक व उच्च श्रेणी शिक्षक जहां उत्साहित हैं। वहीं दूसरी ओर संभाग भर के व्याख्याताओं में मायूसी छाई हुई है। वजह निर्धारित अवधि बीत जाने के बावजूद उन्हें क्रमोन्नति व उसके उपरांत मिलने वाले समयमान-वेतन से वंचित किया जाना है।
24 वर्ष के बाद मिलना चाहिए लाभ
संभाग के चारों जिलों के 500 से अधिक व्याख्याताओं को क्रमोन्नति व उसके उपरांत मिलने वाला समयमान वेतन नहीं दिया जा रहा है। ज्यादातर व्याख्याता 30 वर्ष की सेवा पूरी कर हाईस्कूल व हायर सेकेंड्री विद्यालयों में प्राचार्य पद पर पदस्थ हैं। लेकिन उन्हें अभी तक केवल 12 वर्ष की सेवा के बाद मिलने वाले समयमान वेतन का लाभ मिल सका है। जबकि सभी व्याख्याता २४ वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हैं। कई ने तो 30 वर्ष की सेवा भी पूरी कर ली है।
जेडी की नियुक्ति नहीं होना बना कारण
हालांकि व्याख्याताओं को समयमान वेतन का लाभ दिया जाना तय माना जा रहा है। सूत्रों की माने तो संभागीय लोक शिक्षण कार्यालय में किसी भी अधिकारी के पास संयुक्त संचालक का प्रशासनिक अधिकार नहीं होना, प्रक्रिया के लंबित होने का कारण माना जा रहा है। अधिकारियों की माने तो शासन स्तर से संयुक्त संचालक का प्रभार मिलने के बाद प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।
उम्मीद को लगा बड़ा झटका
व्याख्याताओं ने इस बात की उम्मीद लगा रखी थी कि सहायक शिक्षकों व उच्च श्रेणी शिक्षकों के साथ उन्हें भी क्रमोन्नति व समयमान वेतन दे दिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिससे व्याख्याताओं की उम्मीद को बड़ा झटका लगा है। गौरतलब है कि व्याख्याताओं को 12 वर्ष, 24 वर्ष व 30 वर्ष की सेवा के उपरांत क्रमोन्नति व उसके उपरांत समयमान वेतन का लाभ दिया जाता है।
विधानसभा में भी उठ चुका है प्रश्न
दरअसल 24 वर्ष की सेवा के उपरांत क्रमोन्नति व समयमान वेतन का लाभ प्रदेश के सभी दूसरे संभागों के व्याख्याताओं को मिल चुका है। लेकिन रीवा संभाग के व्याख्याता इस लाभ से वंचित हैं। विधानसभा में नागौद सतना के विधायक यादवेंद्र सिंह ने इससे संबंधित प्रश्न भी उठाया है। उन्होंने कारण जानना चाहा है कि आखिर रीवा संभाग के व्याख्याताओं को इस लाभ से वंचित क्यों किया गया है।
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