रीवा में कांग्रेस नेता एवं गुढ़ से प्रत्याशी सुंदरलाल तिवारी ने प्रेसकांफ्रेंस कर कहा था कि आरएसएस नफरत फैलाने वाला संगठन है। यह पूरी तरह से राजनीतिक संगठन बन गया है। जो राजनीति करने वाले संगठन हैं वह अच्छे हैं लेकिन यह नफरत फैलाता है। गांधी की हत्या भी इसी संगठन ने करवाई है। धर्म के आधार पर नफरत फैलाने का काम करते हैं। तिवारी ने कहा कि इनकी शाखाओं में हिन्दुस्तान का झंडा कभी नहीं लगाया गया। ये पूरी तरह से आतंकवाद का प्रतीक है, इस पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। कांग्रेस की सरकार बनी तो इस दिशा में कड़े कदम उठाए जाएंगे।
इसी बीच एआईसीसी के संभागीय पर्यवेक्षक विजय चौबे ने कहा था कि आरएसएस का कहीं भी पंजीयन नहीं है। इसे धन कहां से मिलता है इसकी भी जानकारी सरकार के पास नहीं है। जिस तरह से नक्सलियों का संगठन काम करता है ठीक उसी तरह से आरएसएस का भी काम हो रहा है। इस पर पूरी तरह से बैन लगाने जरूरत है, ताकि समाज में शांति का माहौल बनाया जा सके।
कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी किया गया वचन पत्र बवालों में घिर गया है। राष्ट्रीय स्तर पर संघ से जुड़े लोगों ने इसका विरोध शुरू किया है। मध्यप्रदेश में भाजपा इसे कर्मचारियों से जोड़ रही है ताकि कर्मचारियों का बड़ा वर्ग कांग्रेस से नाराज हो और उसका फायदा भाजपा को मिले। भाजपा के कई बड़े नेताओं ने इस पर बयान जारी किया है।