रीवा में फूड पार्क समेत छोटे उद्योगों पर 500 करोड़ निवेश की तैयारी, बढ़ेगा रोजागार
रीवाPublished: Oct 22, 2020 07:39:15 am
रीवा जिले में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने प्रयागराज, बनारस, मिर्जापुर दिल्ली सहित स्थानीय उद्यमी सुविधाओं को लेकर रहे उत्साहित
Rewa is preparing to invest 500 million on small industries including food parks
रीवा. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) समेत निवेशकों और पूंजीपतियों को केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी को लेकर कार्यशाला आयोजित की गई। कार्याशाला में रीवा सहित प्रयागराज, मिर्जापुर, दिल्ली से उद्यमी पहुंचे। उद्यमियों ने रीवा में फूड पार्क समेत छोटे-छोटे उद्योगों पर 500 करोड़ रुपए निवेश करने की संभावना जताई है।
उद्योगों से रुकेगा पलायन
कार्याशाला में कमिश्नर राजेश कुमार जैन और कलेक्टर इलैयाराजा टी कहा कि उद्यमियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं। किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होगी। संशासन के साथ ही सुरक्षा को लेकर कानून व्यवस्था की बात रखी। कलेक्टर ने कहा कि उद्योगों के स्थापित होने से यहां से पलायन भी रुकेगा। इस बात पर उद्यमियों ने भी सहमती जाई और कहा कि छोटे-छोटे उद्योगों में अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा।
किसानों के उत्पाद को मिलेगा उचित मूल्य
कार्यशाला में प्रयागराज से आए गंगापार व्यापार मंडल अध्यक्ष उद्यमी आशीष कुमार केसरवानी ने कहा कि रीवा में उद्यमियों के लिए भूमि सस्ती है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने कहा कि फूड पार्क स्थापित होने से किसानों को उपज का उचित मूल्य मिलने लगेगा। उन्होंने फूड पार्क स्थापित करने की सहतमी भी जताई है। फूड पार्क पर लगभग 200 करोड़ रुपए निवेश किए जाएंगे। इस पार्क से जिले की कृषि आधारित उत्पादन के साथ इकोनॉमी भी बदल जाएगी। इसी तरह छोटे-छोटे उद्योगों को मिलाकर करीब 500 करोड़ रुपए निवेश की संभावना की गइ है।
बार्डर एरिया में स्थपित होगी औद्योगिक इकाइया
इंदौर से आए औद्योगिक सलाहकार नरेन्द्र विश्वरूप ने भी एमपी-यूपी और छग की सीमा पर बसे रीवा में उद्योगों की अपार संभावनाएं बताई है। इस दौरान बैंकर्स ने भी लाभप्रद उद्योगों को फाइनेंस करने को हामी भरी है। स्थानीय उद्यमियों ने भी बढ़चढकऱ हिस्सा लिया। एमएसएमी के तहत उद्योगों को स्थापित करने को लेकर चर्चा की है। स्थानीय उद्यमियों ने सुविधाओं पर जोर दिया है। बिजली, पानी के साथ ही सस्तीदर पर भूमि उपलब्ध कराने का सुझाव दिया है। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक यूबी तिवारी ने बतायाा एमएसएमी और उद्योग स्थापित करने के लिए सुविधाओं की विस्तृत जानकारी दी गई।
इस योजनाओं पर भी चर्चा
इस दौरान पीएमएफएमइ, एग्रीकल्चर, इन्फ्रास्टक्चर, फंड, राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन, केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा एमएसएमई को प्रदाय की जा रही रियातों पर चर्चा। कार्यशाला में डेयरी विकास का एफपीओ माडल, नाबार्ड की किसान संपदा योजनाए स्वसहायता समूह के माध्यम से आर्थिक विकास तथा इसमें बैंकों की भूमिका एवं वित्तीय सहयोग सहयोग पर विस्तृत चर्चा की गई।