टिड्डी दल शाम 6 बजे से रात्रि 8 बजे आएगा
टिड्डी दल का आगमन प्राय: शाम 6 बजे से रात्रि 8 बजे के बीच होता और यह दल सुबह 7.0 बजे दूसरे स्थान के लिए प्रस्थान करता है। ऐसी स्थिति में फसलों की बचाव के लिए उसी रात में तडक़े 3 बजे से लेकर सुबह 7.30 बजे तक उक्त तरीकों का उपयोग कर टिड्डी दल को भगाकर फसलों को बचाया जा सकता है।
टिड्डी दल का आगमन प्राय: शाम 6 बजे से रात्रि 8 बजे के बीच होता और यह दल सुबह 7.0 बजे दूसरे स्थान के लिए प्रस्थान करता है। ऐसी स्थिति में फसलों की बचाव के लिए उसी रात में तडक़े 3 बजे से लेकर सुबह 7.30 बजे तक उक्त तरीकों का उपयोग कर टिड्डी दल को भगाकर फसलों को बचाया जा सकता है।
फसलों पर ऐसे करें छिडक़ाव
फसलों को टिड्डी से बचाव के लिए ट्रेक्टर माउंटेड स्प्रेयर पंप में फ्लोरोपायरीपॅस 20 प्रतिशत ईसी 1200 मिली या डेल्टामेथ्रिम 2ण्8 प्रतिशत ईसी 625 मिली या डाईफ्ल्यूबेंजूरान 25 प्रतिशत डब्ल्यूपी 120 मिली या लेम्डासायलोथ्रिन 5 प्रतिशत ईसी 400 मिली या मेलाथ्रियान 50 प्रतिशत ईसी 1850 में से कोई एक दवा का 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर टिड्डी के ऊपर छिडक़ाव कर फसलों का बचाया जा सकता है।
फसलों को टिड्डी से बचाव के लिए ट्रेक्टर माउंटेड स्प्रेयर पंप में फ्लोरोपायरीपॅस 20 प्रतिशत ईसी 1200 मिली या डेल्टामेथ्रिम 2ण्8 प्रतिशत ईसी 625 मिली या डाईफ्ल्यूबेंजूरान 25 प्रतिशत डब्ल्यूपी 120 मिली या लेम्डासायलोथ्रिन 5 प्रतिशत ईसी 400 मिली या मेलाथ्रियान 50 प्रतिशत ईसी 1850 में से कोई एक दवा का 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर टिड्डी के ऊपर छिडक़ाव कर फसलों का बचाया जा सकता है।