scriptरीवा में टिड्डी दल को टीन-डिब्बे, पटाखे की तेज ध्वनि से भगाएं | Rewa : Locust crew beat the tin cans with the loud sound of firecracke | Patrika News

रीवा में टिड्डी दल को टीन-डिब्बे, पटाखे की तेज ध्वनि से भगाएं

locationरीवाPublished: May 26, 2020 08:15:49 am

Submitted by:

Rajesh Patel

कलेक्टर ने टिड्डी दल से फसलों को बचाने किसानों को किया सतर्क

Largest locust party reached border villages

Largest locust party reached border villages

रीवा . कलेक्टर बसंत कुर्रे ने टिड्डी दल से फसलों के बचाव के लिए किसानों से सतर्क रहने की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा है कि टिड्डी दल छतरपुर, पन्ना होते हुए सीमावर्ती जिले सतना तक आ गया है। रीवा जिले में भी टिड्डी दल के आने की आशंका है। जिले में मूंग, उड़द व मौसमी सब्जियों की फसल लगी हुई है ऐसे में किसान भाईयों को टिड्डी दल से सतर्क रहने की जरूरत है। वह अपने खेतों की लगातार निगरानी करें तथा टिड्डी दल के आने पर थाली, ढोल, डीजे खाली टीन के डिब्बे बजाकर खेतों में तेज ध्वनि करें। पटाखे फोडकऱ, ट्रेक्टर का साइलेंसर निकलकर आवाज करें। आदि उपायो से टिड्डी दल को उड़ाया जा सकता है।
टिड्डी दल शाम 6 बजे से रात्रि 8 बजे आएगा
टिड्डी दल का आगमन प्राय: शाम 6 बजे से रात्रि 8 बजे के बीच होता और यह दल सुबह 7.0 बजे दूसरे स्थान के लिए प्रस्थान करता है। ऐसी स्थिति में फसलों की बचाव के लिए उसी रात में तडक़े 3 बजे से लेकर सुबह 7.30 बजे तक उक्त तरीकों का उपयोग कर टिड्डी दल को भगाकर फसलों को बचाया जा सकता है।
फसलों पर ऐसे करें छिडक़ाव
फसलों को टिड्डी से बचाव के लिए ट्रेक्टर माउंटेड स्प्रेयर पंप में फ्लोरोपायरीपॅस 20 प्रतिशत ईसी 1200 मिली या डेल्टामेथ्रिम 2ण्8 प्रतिशत ईसी 625 मिली या डाईफ्ल्यूबेंजूरान 25 प्रतिशत डब्ल्यूपी 120 मिली या लेम्डासायलोथ्रिन 5 प्रतिशत ईसी 400 मिली या मेलाथ्रियान 50 प्रतिशत ईसी 1850 में से कोई एक दवा का 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर टिड्डी के ऊपर छिडक़ाव कर फसलों का बचाया जा सकता है।
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