1 – विधानसभा सिरमौर- 243 पोलिंग, 420 किलोमीटर
भौगोलिक दृष्टि से दो भागों में यह विधानसभा बंटी है। पहला बरदहा घाटी के ऊपर दूसरा उसके नीचे। उत्तर प्रदेश की सीमा तक इसका क्षेत्रफल है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि चक्रधर सिंह बताते हैं कि डभौरा से जनकहाई तक 60 किलोमीटर, डिहिया-उसकी से लेकर बैकुंठपुर-डेल्ही तक 70 किमी, एक हिस्सा सिरमौर से दादर तक 25 किमी का है। सीमावर्ती गांव चांद, भडऱा, ओबरी आदि ऐसे हैं कि नदी पार करके जाना पड़ता है। 420 किमी से अधिक दूरी है, इसके बाद हर गांव में दो से तीन किलोमीटर का सफर होगा।
भौगोलिक दृष्टि से दो भागों में यह विधानसभा बंटी है। पहला बरदहा घाटी के ऊपर दूसरा उसके नीचे। उत्तर प्रदेश की सीमा तक इसका क्षेत्रफल है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि चक्रधर सिंह बताते हैं कि डभौरा से जनकहाई तक 60 किलोमीटर, डिहिया-उसकी से लेकर बैकुंठपुर-डेल्ही तक 70 किमी, एक हिस्सा सिरमौर से दादर तक 25 किमी का है। सीमावर्ती गांव चांद, भडऱा, ओबरी आदि ऐसे हैं कि नदी पार करके जाना पड़ता है। 420 किमी से अधिक दूरी है, इसके बाद हर गांव में दो से तीन किलोमीटर का सफर होगा।
2- विधानसभा सेमरिया- 241 पोलिंग, 280 किमी
इस विधानसभा का बड़ा हिस्सा दस्यु प्रभावित है। गांवों के सड़कों की हालत ठीक नहीं है। कई गांव ऐसे हैं जो तीन से चार किलोमीटर दूरी तक फैले हैं। पूर्व में विधानसभा का चुनाव लड़ चुके कुंवर सिंह बताते हैं कि रीवा के नजदीक बैजनाथ गांव से लेकर यूपी की सीमा से लगे ककरेड़ी तक 70 किमी, दूसरी ओर मझगवां से लेकर भमरा तक 40 किमी की दूरी है। कई ऐसे गांव हैं जहां वाहन पहुंचना मुश्किल होता है। बचे हुए दिनों में 20 पोलिंग हर दिन पहुंचने का टारगेट लेकर प्रत्याशियों को चलना होगा।
इस विधानसभा का बड़ा हिस्सा दस्यु प्रभावित है। गांवों के सड़कों की हालत ठीक नहीं है। कई गांव ऐसे हैं जो तीन से चार किलोमीटर दूरी तक फैले हैं। पूर्व में विधानसभा का चुनाव लड़ चुके कुंवर सिंह बताते हैं कि रीवा के नजदीक बैजनाथ गांव से लेकर यूपी की सीमा से लगे ककरेड़ी तक 70 किमी, दूसरी ओर मझगवां से लेकर भमरा तक 40 किमी की दूरी है। कई ऐसे गांव हैं जहां वाहन पहुंचना मुश्किल होता है। बचे हुए दिनों में 20 पोलिंग हर दिन पहुंचने का टारगेट लेकर प्रत्याशियों को चलना होगा।
3- त्योंथर- 231 पोलिंग, 360 किमी
तीन हिस्सों में यह विधानसभा भौगोलिक क्षेत्र में बंटा है। एक तराई, दूसरा पहाड़ी, तीसरा सोहागी पहाड़ के ऊपरी गांवों का हिस्सा है। क्षेत्रीय निवासी विनय कुमार ने बताया कि गढ़ी से ककरहा के बीच की दूरी करीब 55 किमी है। पटहट से देउर कोठार तक करीब 65 किमी की दूरी है। कई गांव ऐसे हैं जो मुख्य मार्ग से करीब 10 से 15 किलोमीटर दूर हैं। ऐसी स्थिति में हर गांव तक बचे हुए दिनों में पहुंच पाना मुश्किल होगा।
तीन हिस्सों में यह विधानसभा भौगोलिक क्षेत्र में बंटा है। एक तराई, दूसरा पहाड़ी, तीसरा सोहागी पहाड़ के ऊपरी गांवों का हिस्सा है। क्षेत्रीय निवासी विनय कुमार ने बताया कि गढ़ी से ककरहा के बीच की दूरी करीब 55 किमी है। पटहट से देउर कोठार तक करीब 65 किमी की दूरी है। कई गांव ऐसे हैं जो मुख्य मार्ग से करीब 10 से 15 किलोमीटर दूर हैं। ऐसी स्थिति में हर गांव तक बचे हुए दिनों में पहुंच पाना मुश्किल होगा।
4- मऊगंज- 251 पोलिंग, 480 किमी
उत्तर प्रदेश और सीधी जिले की सीमा से लगा क्षेत्र है। इसका बड़ा हिस्सा पहाड़ी इलाकों में हैं। जहां सामान्य रूप से पहुंचना भी मुश्किल होता है। जनसंपर्क में जुटे केपी सिंह ने बताया कि गदा खुर्द से करकचहा तक करीब 80 किलोमीटर, बहेराडाबर से लेकर जड़कुड़-पिपराही तक 65 किमी दूरी है। कई गांव सुदूर अंचल में हैं। यही वजह होती है कि अधिकांश प्रचार-प्रसार मैदानी क्षेत्र में ही होता है।
5- देवतालाब- 266 पोलिंग, 210 किमी
यह क्षेत्र भी कई हिस्सों में है लेकिन अधिकांश मैदानी हिस्सा ही है। सघन बस्तियां भी हैं, इस कारण प्रचार में प्रत्याशियों को अधिक समस्या नहीं होगी। नईगढ़ी जनपद के उपाध्यक्ष नृपेन्द्र सिंह की मानें तो शाहपुर से लेकर सीतापुर करीब 45 किमी, दुबगवां से करह तक 35 की दूरी है। मनिकवार का हिस्सा भी इसी क्षेत्र में आता है जो मऊगंज के नजदीक पहाड़ी तक है। यहां 210 किमी से अधिक दूरी के क्षेत्रफल में संपर्क करना होगा।
उत्तर प्रदेश और सीधी जिले की सीमा से लगा क्षेत्र है। इसका बड़ा हिस्सा पहाड़ी इलाकों में हैं। जहां सामान्य रूप से पहुंचना भी मुश्किल होता है। जनसंपर्क में जुटे केपी सिंह ने बताया कि गदा खुर्द से करकचहा तक करीब 80 किलोमीटर, बहेराडाबर से लेकर जड़कुड़-पिपराही तक 65 किमी दूरी है। कई गांव सुदूर अंचल में हैं। यही वजह होती है कि अधिकांश प्रचार-प्रसार मैदानी क्षेत्र में ही होता है।
5- देवतालाब- 266 पोलिंग, 210 किमी
यह क्षेत्र भी कई हिस्सों में है लेकिन अधिकांश मैदानी हिस्सा ही है। सघन बस्तियां भी हैं, इस कारण प्रचार में प्रत्याशियों को अधिक समस्या नहीं होगी। नईगढ़ी जनपद के उपाध्यक्ष नृपेन्द्र सिंह की मानें तो शाहपुर से लेकर सीतापुर करीब 45 किमी, दुबगवां से करह तक 35 की दूरी है। मनिकवार का हिस्सा भी इसी क्षेत्र में आता है जो मऊगंज के नजदीक पहाड़ी तक है। यहां 210 किमी से अधिक दूरी के क्षेत्रफल में संपर्क करना होगा।
6- मनगवां- 281 पोलिंग, 150 किमी
मनगवां विधानसभा का क्षेत्रफल करीब 150 किलोमीटर के दायरे में है। स्थानीय निवासी विकास पाण्डेय बताते हैं कि बेलवा से रघुनाथगंज के क्षेत्र की दूरी 28 किमी, मनगवां से अगडाल(गढ़) करीब 35 किमी, मनगवां से सोनवर्षा 40 किमी, मनगवां से रामपुर सर्किल तक 35 किमी का क्षेत्र है। दूरी चाहे भले ही अधिक नहीं हो लेकिन बस्तियां सघन होने की वजह से घर-घर संपर्क करना मुश्किल होगा। प्रत्याशी रोड शो या फिर सभाओं के माध्यम से ही लोगों तक पहुंच सकते हैं।
मनगवां विधानसभा का क्षेत्रफल करीब 150 किलोमीटर के दायरे में है। स्थानीय निवासी विकास पाण्डेय बताते हैं कि बेलवा से रघुनाथगंज के क्षेत्र की दूरी 28 किमी, मनगवां से अगडाल(गढ़) करीब 35 किमी, मनगवां से सोनवर्षा 40 किमी, मनगवां से रामपुर सर्किल तक 35 किमी का क्षेत्र है। दूरी चाहे भले ही अधिक नहीं हो लेकिन बस्तियां सघन होने की वजह से घर-घर संपर्क करना मुश्किल होगा। प्रत्याशी रोड शो या फिर सभाओं के माध्यम से ही लोगों तक पहुंच सकते हैं।
7- रीवा- 244 पोलिंग, 100 किमी
यह शहरी विधानसभा क्षेत्र है। करीब 40 पोलिंग ग्रामीण इलाके में हैं। शहर में 45 वार्ड हैं, जिसमें वार्ड 4, 15, 26 आदि बड़े क्षेत्रफल में फैले हैं। राजकुमार जायसवाल बताते हैं कि सगरा से लेकर लक्ष्मणपुर 25 किमी, अगडाल-बेला से लेकर रतहरा तक 20 किमी, मैदानी से सिलपरा तक 20 किमी की दूरी है। शहरी क्षेत्र है, सघन आबादी है, इस कारण प्रत्याशियों को हर मोहल्ले तक संपर्क करना आसान नहीं होगा। यहां पर पांच से दस किलोमीटर के बीच की दूरी के क्षेत्र में प्रत्याशियों को हर दिन पहुंचना होगा।
यह शहरी विधानसभा क्षेत्र है। करीब 40 पोलिंग ग्रामीण इलाके में हैं। शहर में 45 वार्ड हैं, जिसमें वार्ड 4, 15, 26 आदि बड़े क्षेत्रफल में फैले हैं। राजकुमार जायसवाल बताते हैं कि सगरा से लेकर लक्ष्मणपुर 25 किमी, अगडाल-बेला से लेकर रतहरा तक 20 किमी, मैदानी से सिलपरा तक 20 किमी की दूरी है। शहरी क्षेत्र है, सघन आबादी है, इस कारण प्रत्याशियों को हर मोहल्ले तक संपर्क करना आसान नहीं होगा। यहां पर पांच से दस किलोमीटर के बीच की दूरी के क्षेत्र में प्रत्याशियों को हर दिन पहुंचना होगा।
8- गुढ़- 256 पोलिंग, 220 किमी
गुढ़ विधानसभा क्षेत्र कई कोने तक फैला हुआ है। मुकुंदपुर सफारी के नजदीक के गांव हर्दीशंकर के आसपास से लेकर गोविंदगढ़, गड्डी होते हुए करियाझर तक है। जिसकी दूरी करीब 45 किलोमीटर है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि राकेश तिवारी बताते हैं कि लोही से तमरा तक 30 किमी, रायपुर कर्चुलियान के साथ ही रीवा के नजदीक कोष्टा और सगरा के समीप लौआ तक क्षेत्र फैला है। अनुमान के तहत 220 किमी के दायरे में क्षेत्र है। हालांकि एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र तक पहुंचने में परेशानी होगी। इस विधानसभा क्षेत्र में हर दिन 15 किमी से अधिक की दूरी तय करने का टारगेट रखने पर ही पहुंचा जा सकता है।
गुढ़ विधानसभा क्षेत्र कई कोने तक फैला हुआ है। मुकुंदपुर सफारी के नजदीक के गांव हर्दीशंकर के आसपास से लेकर गोविंदगढ़, गड्डी होते हुए करियाझर तक है। जिसकी दूरी करीब 45 किलोमीटर है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि राकेश तिवारी बताते हैं कि लोही से तमरा तक 30 किमी, रायपुर कर्चुलियान के साथ ही रीवा के नजदीक कोष्टा और सगरा के समीप लौआ तक क्षेत्र फैला है। अनुमान के तहत 220 किमी के दायरे में क्षेत्र है। हालांकि एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र तक पहुंचने में परेशानी होगी। इस विधानसभा क्षेत्र में हर दिन 15 किमी से अधिक की दूरी तय करने का टारगेट रखने पर ही पहुंचा जा सकता है।