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नवरात्र में इस तरह करें कन्या पूजन , मिलेगा मनवांछित फल

locationरीवाPublished: Apr 01, 2020 10:44:58 pm

Submitted by:

Lokmani shukla

चैत्र नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। कोरोना वायरस को संक्रमण फैलने से रोकने व लॉकडाउन का उल्लघंन नहीं हो। ऐसे में आप कन्याओं की जगह गाय को भोग खिलाकर मनवांधित फल प्राप्त कर सकेंगे।

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रीवा। चैत्र नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। कोरोना वायरस को संक्रमण फैलने से रोकने व लॉकडाउन का उल्लघंन नहीं हो। ऐसे में आप कन्याओं की जगह गाय को भोग खिलाकर मनवांधित फल प्राप्त कर सकेंगे। गुुरवार को भगवान राम जन्म के कारण शुभ मुहूर्त में घर पर ही श्रद्धा पूर्वक मनाकर व कन्या पूजन करते हुए नवरात्र व्रतों की पारणा कर सकते है।
उल्लेखनीय है कि नवरात्र वेदों में जिस प्रकार से प्रतिपदा तिथि घट स्थापना हेतु प्रशस्त मानी गई है उसी तरह से नवमी तिथि को कन्या पूजन एवं हवन के पश्चात नवरात्र व्रत ओं की समाप्ति की जाती है तथा इसके अगले दिन दशमी को विसर्जन किया जाता है। दशमी को नवरात्र व्रत का पारण करने से स्त्री तथा वंश की हानि होती है, ऐसा शास्त्रीय मत है।आज प्रात: काल 3.20 से नौमी तिथि का प्रवेश हो चुका है जो संपूर्ण दिन व्याप्त रहेगी। मध्यान्ह काल में भगवान राम का विधिवत पूजन किए जाने का विधान है।
रामनवमी में पूजा मुहूर्त
गुरुवार सुबह 11.10 बजे से दोपहर 1.38 बजे तक
नवमी तिथि आरंभ 03.39 (2 अप्रैल 2020)
नवमी तिथि समाप्त 02.42 (3 अप्रैल 2020)
मध्यान्ह काल पूजा मुहूर्त- प्रात: काल 10.54 बजे से दोपहर 1.23 बजे तक।
ऐसे करें कन्या पूजन
आचार्य राजेश साहनी बताते है कि नवरात्र व्रत में कुमारी पूजन का सर्वाधिक महत्व देवी पुराण में बताया गया है। मान्यता है कि बिना कुमारी पूजन के नवरात्र व्रत के फल प्राप्त नहीं होते हैं। लेकिन वर्तमान दिनों में कोरोनावायरस के चलते घर घर में कन्या पूजन किया जा पाना असंभव है। ऐसी स्थिति में हमारी सलाह है कि प्रात: काल कन्या भोजन हेतु यथेष्ट सामग्री का घर पर ही निर्माण किया जाना चाहिए। तत्पश्चात कन्याओं के निमित्त विषम संख्या में 1,3,5,7 अथवा 9 थालियां श्रद्धा पूर्वक लगाएं एवं उनमें कन्या भोजन रख दे। समस्त भोजन भगवती को अर्पित करते हुए अपने हाथों से गाय को खिला दें। तत्पश्चात नवरात्र का हवन इत्यादि करते हुए सायंकाल नवरात्र व्रतों का समापन करें। वैश्विक महामारी को देखते हुए नवरात्र के संपूर्ण कृत्य अपने घर पर ही संपन्न किए जाने चाहिए।
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