विद्युत कंपनी का बड़ा उपभोक्ता ग्रामीण क्षेत्रों में रहता है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के सब स्टेशन में लाइनमैन की संख्या बहुत कम है । परिणाम स्वरुप जरा सी लाइन में खराबी आने पर ग्रामीण क्षेत्रों में घंटों विद्युत बाधित रहती है। ऐसे स्थित प्राय: बनती है। बिजली कटौती के बाद जब विद्युत कंपनी के कर्मचारी बिजली बिल वसूलने जाते है तो विवाद की स्थित बन जाती है।
लंबे समय से पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में नए लाइनमैन की भर्ती नहीं हुई है। जबकि उपभोक्ताओं की संख्या में विद्युत लाइन का क्षेत्र दिनोंदिन बढ़ रहा है। ऐसे में बेहतर सेवा उपभोक्ताओं को नहीं मिल पाती है। विद्युत कंपनी के अधिकारी भी अब काम के बढ़ते दबाव को देखते हुए हाथ खड़ा करने लगे है।
बताया जा रहा है कि उपभोक्ता की संख्या एवं लाइन को देखते हुए नए आर्गेनाइजेशन स्ट्रेक्चर का मामला तीन सालों से सरकार के पास लंबित है। इसलिए उपभोक्तओं की संख्या के अनुसार से पद ही सृजित नहीं हुए हैं ऐसे में भर्ती नहीं हो पा रही है। वहीं पुराने उपभोक्ताओं की संख्या के आधार पर स्वीकृत पद भी रिक्त पड़े है।