– पोषण आहार भी केन्द्रों में नहीं
शहर के अधिकांश केन्द्रों में पोषण आहार की कमी बनी हुई है। आगनबाड़ी केन्द्रों की कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का कहना है कि महीने में चार दिन इसका वितरण किया जाता है, सामान्यतौर पर नियमित सप्लाई होती है लेकिन इनदिनों नहीं आया है। अधिकारियों ने कहा है कि भेजेंगे लेकिन कब तक आएगा इसकी जानकारी नहीं है। पोषण आहार वितरण को लेकर पहले भी महिला एवं बाल विकास विभाग विवादों में रहा है। ठेकेदारों की मनमानी के कारण समय पर इसकी सप्लाई नहीं हो पा रही है।
—
– आगनबाड़ी केन्द्रों में यह है वर्तमान स्थिति
1- स्थान -वार्ड 18 आगनबाड़ी केन्द्र रसिया मोहल्ला
समय- दोपहर 1.50 बजे
हालात- किराए के मकान में एक कमरे में संचालित है, शौचालय नहीं है। जरूरत पडऩे पर मकान मालिक के बने शौचालय का उपयोग होता है, अधिकांश समय वह बंद रहता है। पानी पड़ोस में लगे नल से लिया जाता है। पोषण आहार इस समय यहां पर नहीं है। कार्यकर्ता संध्या कुंदेर एवं सहायिका निशा सोधिया मौजूद रहीं। पांच महिलाएं एवं 13 बच्चे मौजूद मिले।
——
2- स्थान- वार्ड 17 नरेन्द्र नगर
समय- 2.10 बजे
हालात- यह केन्द्र किराए के मकान में संचालित है, जहां पर मकान मालिक के शौचालय का उपयोग किया जाता है। पानी पड़ोस में लगे नल से लिया जाता है। हैंडपंप करीब 50 मीटर दूर है। पोषण आहार का स्टाक यहां पर भी समाप्त हो चुका है। कार्यकर्ता गायत्री विश्वकर्मा अकेले मौजूद रहीं, बच्चे एक भी नहीं रहे।
——
3- स्थान- वार्ड 28 डाइट परिसर धोबियाटंकी
समय- 2.35 बजे
हालात- सरकारी भवन में यह केन्द्र संचालित होता है। पीने के लिए मीठे पानी की सप्लाई नहीं है। परिसर में हैंडपंप स्थित है, जिसके पानी का उपयोग बच्चों के साथ ही कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं द्वारा भी किया जाता है। पोषण आहार अब तक मिला है, आगे स्टाक में कमी होगी। मौके पर सहायिका कविता चौधरी मौजूद रहीं, बच्चे नहीं रहे। सहायिका ने कहा कि भोजन के बाद बच्चों को घर भेज दिया है।
——-
4- स्थान- वार्ड 25 बाणसागर कालोनी
समय- 2.55 बजे
हालात- सरकारी भवन में आगनबाड़ी केन्द्र का संचालन होता है। यहां पर पानी की समस्या है। दूर के नल से पानी लाना पड़ता है। इसलिए कम मात्रा में ही पानी केन्द्र में लाया जाता है। पानी की समस्या के चलते शौचालय होने के बावजूद न के बराबर उपयोग किया जाता है। कार्यकर्ता का पद यहां पर खाली है। सहायिका आराधना ही केन्द्र का संचालन कर रही हैं।
—
—
आगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या जनसंख्या के हिसाब से बढ़ रही है। शहर में सरकारी मकानों की दिक्कत की वजह से किराए के मकान पर संचालन हो रहा है। कुछ जगह पानी और शौचालय की व्यवस्थाए नहीं हैं लेकिन वैकल्पिक व्यवस्थाएं बनाई गई हैं। जहां कमियां सामने आती हैं उन्हें सुधार कराते हैं, इसीलिए नियमित निरीक्षण भी किया जा रहा है।
ऊषा सिंह सोलंकी, संयुक्त संचालक महिला बाल विकास