अधिकारियों व जिम्मेदार प्रोफेसरों का होश उड़ा
विश्वविद्यालय के नियमित व स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों में छात्रों की इस अरुचि ने न केवल अधिकारियों व जिम्मेदार प्रोफेसरों का होश उड़ा दिया है। बल्कि अतिथि विद्वान भी परेशान हैं। वजह यह है कि अतिथि विद्वानों का भविष्य पाठ्यक्रमों में प्रवेशित छात्रों की संख्या पर निर्धारित होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कुछ ऐसा ही निर्णय लिया गया है।
विश्वविद्यालय के नियमित व स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों में छात्रों की इस अरुचि ने न केवल अधिकारियों व जिम्मेदार प्रोफेसरों का होश उड़ा दिया है। बल्कि अतिथि विद्वान भी परेशान हैं। वजह यह है कि अतिथि विद्वानों का भविष्य पाठ्यक्रमों में प्रवेशित छात्रों की संख्या पर निर्धारित होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कुछ ऐसा ही निर्णय लिया गया है।
भविष्य में पाठ्यक्रमों का संचालन हो पाएगा
विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद के निर्णय के अनुसार भविष्य में उन्हीं पाठ्यक्रमों का संचालन हो पाएगा, जिनमें छात्रों की संख्या पर्याप्त होगी। पाठ्यक्रम में प्रवेश की संख्या पर्याप्त होने की स्थिति में ही अतिथि विद्वानों की नियुक्ति और उनके मानदेय में बढ़ोत्तरी करना संभव होगा। यही वजह है कि पाठ्यक्रमों में प्रवेश को लेकर विश्वविद्यालय के अधिकारी व प्रोफेसर ही नहीं, अतिथि विद्वान भी परेशान हैं।
विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद के निर्णय के अनुसार भविष्य में उन्हीं पाठ्यक्रमों का संचालन हो पाएगा, जिनमें छात्रों की संख्या पर्याप्त होगी। पाठ्यक्रम में प्रवेश की संख्या पर्याप्त होने की स्थिति में ही अतिथि विद्वानों की नियुक्ति और उनके मानदेय में बढ़ोत्तरी करना संभव होगा। यही वजह है कि पाठ्यक्रमों में प्रवेश को लेकर विश्वविद्यालय के अधिकारी व प्रोफेसर ही नहीं, अतिथि विद्वान भी परेशान हैं।
तीसरी बार बढ़ाई गई आवेदन की तिथि
विश्वविद्यालय प्रवेश को लेकर तीसरी बार आवेदन की तिथि बढ़ाई गई है। छात्र अब 10 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आवेदन की तिथि में बढ़ोत्तरी इस उम्मीद से की गई है ताकि आवेदनों की संख्या में वृद्धि हो सके। छात्रसंख्या बढ़ाने के लिए प्रोफेसरों के अलावा अतिथि विद्वान भी ऐड़ीचोटी का जोर लगा रहे हैं।
विश्वविद्यालय प्रवेश को लेकर तीसरी बार आवेदन की तिथि बढ़ाई गई है। छात्र अब 10 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आवेदन की तिथि में बढ़ोत्तरी इस उम्मीद से की गई है ताकि आवेदनों की संख्या में वृद्धि हो सके। छात्रसंख्या बढ़ाने के लिए प्रोफेसरों के अलावा अतिथि विद्वान भी ऐड़ीचोटी का जोर लगा रहे हैं।
पाठ्यक्रम व अब तक आए आवेदन
08आवेदन एमफिल इन्वॉयरमेंट बायोलॉजी में
08 आवेदन एमफिल माइक्रो बायोलॉजी में
07 आवेदन एमए शिक्षाशास्त्र मे
05 आवेदन पीजी डिप्लोमा गाइडेंस व काउंसिलिंग में
04 आवेदन एमफिल बायो केमेस्ट्री में
04 आवेदन एमएससी आइटी में ं
03 आवेदन एमफिल ट्राइबल स्टडीज में
03 आवेदन स्नातक सोशल वर्क में
02 आवेदन एमए रसियन में
01 आवेदन एमए दर्शनशास्त्र में
01 आवेदन एमफिल पॉलिसी रिसर्च में
08आवेदन एमफिल इन्वॉयरमेंट बायोलॉजी में
08 आवेदन एमफिल माइक्रो बायोलॉजी में
07 आवेदन एमए शिक्षाशास्त्र मे
05 आवेदन पीजी डिप्लोमा गाइडेंस व काउंसिलिंग में
04 आवेदन एमफिल बायो केमेस्ट्री में
04 आवेदन एमएससी आइटी में ं
03 आवेदन एमफिल ट्राइबल स्टडीज में
03 आवेदन स्नातक सोशल वर्क में
02 आवेदन एमए रसियन में
01 आवेदन एमए दर्शनशास्त्र में
01 आवेदन एमफिल पॉलिसी रिसर्च में