मुआवजा व नौकरी के लिए फजीवाडे में अमिता सिंह परिहार तहसीलदार चुरहट, रामरती साहू निवासी ग्राम कै महाई सीधी, योगेन्द्र शुक्ला निवासी ग्राम गाड़ा सतना, पराग त्रिपाठी निवासी पन्ना, शांति शिरोमणि पयासी ग्राम भेलकी, दिलीप सिंह ग्राम धुम्मा, अरविंद कुमार पटेल ग्राम पचोखर, स्वतंत्र मिश्रा ग्राम डडवरिया, प्रभाकर पांडेय देवेन्द्र नगर पन्ना, यादवेन्द्र सिंह प्रसाद पांडेय, राघवेन्द्र पांडेय, द्वारिका प्रसाद गुप्ता, निवासी चुरहट, रजनीश पटेल ग्राम सोनौरा रीवा, राजेश प्रसाद त्रिपाठी ग्राम मौरा, किरण सिंह पटेल निवासी चुरहट, विनय कुमार पांडेय निवासी कटनी, मृगेन्द्र सिंह परिहार सतना, दीपेश पांडेय कटनी, गौरव सिंह पटेल नकबेल, हिमांशु सिंह परिहार सतना, विजय कुमार कारपेंटर नकबेल, जानकी प्रसाद ग्राम मौरा, सुलोचना सिंह सतना, राममनोहर साहू, लव सिकरवार मुरैना, शैलेन्द्र सिंह ग्वालियर, अनुराग सिंह मुरैना एवं आदित्य प्रताप सिंह ग्राम भोनपुरा व अन्य शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि रेलवे में अधिसूचना के बाद अचानक मुआवजा धारकों की संख्या बढऩे के बाद हड़कंम मच गया। वहीं स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत की। इस मामले में कलेक्टर द्वारा एसडीएम से जांच कराने पर फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ। इसके बाद कमिश्नर के आदेश पर अपर कमिश्नर की जांच प्रतिवेदन के आधार पर तहसीलदार को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है। वहीं इस मामले की प्रारंभिक जांच में आर्थिक अपराध धारा ४२० एवं १२० बी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बताया जा रहा है रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ललितपुर-सिंगरौली रेलवे लाइन में बड़ा गिरोह राजस्व अधिकारियों के संरक्षण में काम कर रहा है। इसमें मुआवजा बढ़ाने के लिए रेलवे लाइन के आसपास मकान एवं अन्य निर्माण दिखाकर मुआवजे की राशि अधिक बढ़ा रहे हैं। इसके लिए पूरा गिरोह सतना, रीवा, कटनी, मुरैना, ग्वालियर, पन्ना में काम कर रहा है। बताया गया है कि इसके लिए पचास हजार से एक लाख रुपए तक लिए गए हैं।
रीवा-सिंगरौली रेलवे लाइन में हाल ही में मड़वा में 32 लोगों के गलत नामांतरण कराकर नौकरी लेने का मामला सामने आया है। विधान सभा में उठाने के बाद अब राजस्व अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।
राजेश दंडोतिया, एसपी ईओडब्ल्यू, रीवा ने बताया कि रीवा-सिंगरौली रेलवे लाइन में मुआवजा व नौकरी लेने के लिए नियम विरुद्ध नामांतरण करने के मामले सामने आए हैं। इसमें तत्कालीन तहसीलदार चुरहट सहित ४६ लोगों पर एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।