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दिल्ली मेट्रो आखिर रीवा की ही बिजली सप्लाई बढ़ाने क्यों बना रहा दबाव, यहां जानिए प्रमुख वजह

locationरीवाPublished: Jun 23, 2019 08:52:25 pm

Submitted by:

Mrigendra Singh

रीवा से 37 मेगावाट सोलर प्लांट की बिजली भेजी जा रही दिल्लीसोलर पॉवर प्लांट में 640 मेगावाट उत्पादन, दिल्ली मेट्रो ने मांगी और बिजली

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rewa solar power plant and delhi metro rail corporation


रीवा। अल्ट्रामेगा सोलर पॉवर प्लांट इनदिनों अब तक के अधिकतम उत्पादन की ओर बढ़ रहा है। 640 मेगावॉट तक बिजली का उत्पादन हर दिन किया जा रहा है। इसलिए दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन(डीएमआरसी) ने कहा है कि अनुबंध के अनुसार बिजली सप्लाई और बढ़ाई जाए। अभी केवल 37 मेगावॉट बिजली की आपूर्ति दिल्ली मेट्रो को हो रही है। प्लांट की एक इकाई में अभी पूर्ण क्षमता के अनुसार उत्पादन प्रारंभ नहीं हुआ है। इसलिए सप्लाई भी पूरी नहीं हो रही है।
डीएमआरसी चाह रहा है कि रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर(रम्स) से जो अनुबंध हुआ है, उसके अनुसार सप्लाई बहाल की जाए। अनुबंध के अनुसार उत्पादन का 24 प्रतिशत हिस्सा दिल्ली मेट्रो को दिया जाना है। अल्ट्रा मेगा सोलर पॉवर प्लांट की कुल उत्पादन क्षमता 750 मेगावॉट की है, जिसमें यूनिट नंबर दो और तीन में 250-250 मेगावॉट उत्पादन हो रहा है। जबकि यूनिट नंबर एक में अभी 140 मेगावॉट हो रहा है। इस तरह से 640 मेगावॉट का 24 प्रतिशत हिस्सा 153.6 मेगावॉट सप्लाई होना चाहिए। बताया गया है कि डीएमआरसी के अधिकारियों ने कहा है कि 100 मेगावॉट से अधिक बिजली चाहिए। बताया जा रहा है कि दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन अपने यहां बिजली खपत का 60 फीसदी से अधिक हिस्सा सोलर एनर्जी से करने की तैयारी में है। इसी के चलते रीवा से और बिजली मांगी जा रही है।

– इंजीनियर्स के निरीक्षण के बाद बढ़ेगी सप्लाई
रीवा के सोलर पॉवर प्लांट से दिल्ली मेट्रो को हो रही बिजली आपूर्ति की मात्रा बढ़ाए जाने से पहले दिल्ली से इंजीनियर्स की टीम निरीक्षण करने आएगी, इसके निरीक्षण के बाद ही तय होगा कि 37 मेगावॉट से बढ़ाकर कितना उत्पादन किया जाएगा। बीते साल अक्टूबर महीने में इसकी टेस्टिंग शुरू हुई थी। पहले 27 मेगावॉट भेजा गया, बाद में इसे दस मेगावाट और बढ़ाकर 37 कर दिया गया है।
– गर्मी के चलते शार्टसर्किट भी बढ़े
सोलर पॉवर प्लांट में उत्पादन शुरू होने के बाद पहली बार इस वर्ष तापमान अधिक बढ़ा है। करीब 47 डिग्री से अधिक तापमान होने की वजह से प्लांट में कई तरह की तकनीकी समस्याएं भी आई हैं। सोलर प्लेट और कनेक्टर के बीच लगे तार जलते रहे हैं। बदवार पहाड़ में जहां पर प्लांट लगाया गया है, वह पथरीली जगह है, इसलिए ताप अधिक बढ़ता है। सोलर एनर्जी से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो बिजली उत्पादन के लिए 35 से 40 डिग्री तक का तापमान बेहतर माना जाता है। इससे अधिक होने पर तकनीकी ख्रराबियां भी उत्पन्न होती हैं।
– ऐसे हो रहा प्लांट में उत्पादन
यूनिट– क्षमता– उत्पादन
यूनिट नंबर एक- 250- 140
यूनिट नंबर दो- 250- 250
यूनिट नंबर तीन – 250 250



दिल्ली मेट्रो को 24 प्रतिशत बिजली देना है, अभी प्लांट में क्षमता के अनुसार पूरा उत्पादन प्रारंभ नहीं हुआ है। एक यूनिट में कुछ तकनीकी समस्याओं के चलते उत्पादन कम हो रहा है। व्यवस्था बनाई जा रही है, जैसे ही उत्पादन बढ़ेगा, अनुबंध के अनुसार बिजली सप्लाई भी बढ़ा दी जाएगी।
एसएस गौतम, ईई-ऊर्जा विभाग

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