आयुक्त ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 90 प्रतिशत भवनों में रैम्प का निर्माण पूरा किया जा चुका है। इस पर समीक्षा बैठक में संभागायुक्त भार्गव ने अधिकारियों से कहा है कि जो टारगेट मिला है उसे समय पर पूरा करें। रीवा को प्रदेश का पहले सुगम संभाग बनाएंगे। ग्रामीण क्षेत्र के लिए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा शहरी क्षेत्र के लिए नगर निगम कमिश्नर एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी को यह जिम्मेदारी दी गयी है।
आयुक्त भार्गव ने कहा कि दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधानों तथा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार दिव्यांगों को हर क्षेत्र में आगे बढऩे के लिए समान अवसर और सुविधायें दें। उन्हें कानूनी रूप से भेदभाव रहित शिक्षा, स्वरोजगार, स्वास्थ्य और सामाजिक क्षेत्र में आगे बढऩे का अधिकार प्राप्त है। दिव्यांग होने के कारण किसी भी व्यक्ति को उसके अधिकार से वंचित न करें। बच्चों को भी दिव्यांगों के प्रति सद् व्यवहार का संस्कार दें। दिव्यांगों के अधिकारों के लिए समाज में सकारात्मक वातावरण बनाये।
जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी अभियान चलाकर प्रत्येक दिव्यांग को आवश्यक उपकरण, पेंशन, छात्रवृत्ति मेडिकल प्रमाण पत्र तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायें। शत-प्रतिशत दिव्यांगों को योजनाओं का लाभ देने संबंधी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें। दिव्यांगों के कल्याण की सभी प्रमुख योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार करायें जिससे हर दिव्यांग इनका लाभ उठा सके।