रीवा में नान और मिलरों की साठगांठ, पीटीएस-चोरहटा में हजारो क्विंटल चावल कराया अनलोड
रीवा. पहले धान की तोल और अब धान मिलिंग में खेल शुरू हो गया। अफसरों की अनदेखी के चलते नागरिक आपूर्ति निगम (नान) और मिल संचालकों का गठजोड़ इस कदर है कि चावल की बगैर प्रारंभिक गुणवत्ता परखे गोदामों में जमा करा कराया जा रहा है। वेयर हाउस की पीटीएस और चोरहटा गोदाम में शुक्रवार तक पांच हजार क्विंटल से ज्यादा चावल जमा कराया जा चुका है। इतना ही नहीं नान अधिकारियों ने कुछ गोदामों में चावल की गुणवत्ता सेंपल लिए जाने की जिम्मेदारी गोदाम प्रभारियों के भरोसे छोड़ दिया है।
मिलरों का अनुबंध से पहले जारी किया डिलेवरी आर्डर नगारिक आपूर्ति निगम रिकार्ड के अनुसार प्रारंभिक चरण में धान मिलिंग के लिए तीन मिल संचालकों का अनुबंध किया गया। अनुसार अनुबंध की कागजी प्रक्रिया चल ही रही थी कि मिलिंग के लिए डिलेवरी आर्डर (डीओ) जारी कर दिया गया। हैरान करने वाली बात तो यह कि डीओ आर्डर कंप्यूटर ऑपरेटर मनीश के हस्ताक्षर से जारी किए गए। रिकार्ड के अनुसार सबसे पहले शुक्ला एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड भुंडहा, एस इंडस्ट्रीज राइस मिल और जरहा राइश मिल को मिलिंग के लिए धान उठाव का आर्डर जारी कर किया गया।
पीटीएस गोदाम में बिना गुणवत्ता परीक्षण जमा किया जा रहा चावल पटीएस गोदाम प्रभारी जीएल गुप्ता के अनुसार शुक्ला एग्रोटेक की ओर से गोदाम में 12 ट्रक से चावल यानी 3 हजार क्विंटल से ज्यादा चावल गोदाम में अनलोड कर दिया गया है। जबकि नियम है कि प्रारंभिक गुणवत्ता की जांच जिला स्तरीय गुणवत्ता नियंत्रक की टीम मिल प्वाइंट पर करेगी। इसके बाद गोदाम परिसर में अनलोड और डंप होने के बाद गुणवत्ता की जांच के लिए सेंपल लिया जाएगा। जिम्मेदार मिल प्वाइंट पर प्रारंभिक जांच के बगैर ही गोदाम में चावल अनलोड करा रहे हैं। नान कार्यालय के अनुसार शुक्रवार की सुबह तक पीटीएस और चोरहटा गोदाम में मिल संचालकों के द्वारा 4318 क्विंटल से अधिक चावल जमा कर दिया गया है।
14 मिलरों का अनुबंध , 6 को ही जारी किया डीओनान कार्यालय में शुक्रवार दोपहर ओंमकार राइस मिल सहित कई अन्य मिल संचालक अनुबंद के लिए पहुंचे। इस दौरान कुछ मिलर धान डिलेवरी आर्डर का प्रपत्र लेकर हस्ताक्षर कराने पहुंचे तो प्रबंधक ने संबंधित अधिकारी को मार्क कर दिया। दस्तावेज के अनुसार करीब 14 मिल संचालकों का अनुबंध कर लिया गया है। जिसकी कागजी प्रक्रिया चल रही है। 2 फरवरी की स्थिति में आधा दर्जन मिलरों को ही 1934एमटी यानी 19344 क्विंटल धान मिलरों के लिए जारी कर दिया गया है।
प्रति लाट 8 लाख की के्रडिट राशि धान मिलिंग के लिए मिल संचालकों को प्रति लाट (403 क्विंटल धान) करीब आठ लाख रुपए नान के नाम पर के्रडिट राशि जमा करना पड़ता है। लेकिन मिल संचालक विभागीय अधिकारियों से साठ-गांठ कर जमानत के तौर पर कम राशि जमा कर धान का उठाव कर रहे हैं। इतना ही नहीं कई मिल संचालकों ने तो बैंक की एफडी के कागज लगाकर मिलिंग का
काम शुरू कर दिया है।
गोदामों पर गुणवत्ता परखने की खानापूर्तिपीटीएस गोदाम पर गोदाम प्रभारी जीएल गुप्ता दस्तावेज तैयार कर रहे। टेबल के बगल में पॉलीथिन के थैले में चावल का सेंपल रखा था। गुणवत्ता परखने की मशीन बक्से में रखी थी और टेबल पर खुले में चावल रखा था। गुणवत्ता परखने की विधि जानने की कोशिश की गई तो प्रभारी ने बक्से से जांच मशीन बाहर निकाली। टेबल के बगल खिडक़ी पर सेंपल 6 पैकेट रखे थे। पूछने पर गोदाम प्रभारी ने बताया कि शुक्ला एग्रोटेक ने 12 ट्रक यानी 12 लॉट का चावल जमा कराया जा चुका है। जबकि सेंपल के 6 पैकेट ही रखे थे। जबकि प्रति लाट का सेंपल होना चाहिए यानि कि 12 सेंपल। जमा किए गए चावल की लॉट और लिए गए सेंपल के अंतर से साफ है कि गुणवत्ता परखने की प्रक्रिया में खानापूर्ति की जा रही है।