scriptगांव तक पहुंच मार्ग नहीं, बिजली के नहीं हुए दर्शन | Road and electricity did not reach the village | Patrika News

गांव तक पहुंच मार्ग नहीं, बिजली के नहीं हुए दर्शन

locationरीवाPublished: Jul 09, 2020 11:07:56 pm

Submitted by:

Mahesh Singh

मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे रीवा जिले के तराई अंचल के लोग
 

Road and electricity did not reach the village

Road and electricity did not reach the village

रीवा. आजादी के सत्तर सालों बाद भी तराई अचंल के कई गांव मूलभूत सुविधाओं के लिए मोहताज हैं। कई गांवों में सडक़, बिजली और स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था नहीं है। ग्राम अधिकार समिति द्वारा आयोजित चौपाल में यह बात सामने आई है।
ग्रामीणों ने बताया कि जवा तहसील अंतर्गत बिछिहर ग्राम पचंायत अंतर्गत आदिवासी बस्ती सुविधाओं से वंचित है। गांव तक अभी तक न तो पहुंंच मार्ग है और न ही बिजली ही है। एक वर्ष से बिजली के खंभे खडे हैं लेकिन उनमें तार नहीं खींचा गया है। जिसके कारण गांव के लोग अधेंरे मे जीवन यापन कर रहे हैं।
चौपाल में स्थानीय निवासी जगत पाल सिंह ने बताया कि गांव तक सडक़ नहीं है। वहीं गांव तक बिजली इसलिए नहीं पहुंची कि अभी तीन खंभे नहीं गाड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि बिजली नहीं होने के कारण किसान फसल की सिंचाई नहीं कर पाते हैं। गुलजार कोल कहते है कि अंधेरे के कारण जंगली जानवरों का भय बना रहता है और बच्चों की पढ़ाई में नुकसान होता है।
इस दौरान हरिलाल वर्मा ने बताया कि यदि सडक़ और बिजली की व्यवस्था हो जाए तो गांव के लोग पलायन नहीं करेंगे। इन्होंने बताया कि इसी तरह का हाल पांती पाल बस्ती एवं सोना डाबर का भी है। दोनों गांव सडक़ विहीन है। अभी आकाशीय बिजली से एक युवक की मौैत हुई थी जिससे पांच किमी दूर तक तक शव को लेकर पैदल चलना पड़ा था।
मदरी ग्राम पंचायत के आदिवासी आवास वीहीन
ग्राम पंचायत मदरी के छपरिहा टोला में वनभूमि के पट्टे में बसे अदिवासीयों ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाए जाने की मांग की है। छपरिहा टोला निवासी रामपति आदिवासी, राजरानी आदिवासी, संतोष कुमारी, मुन्नालाल, बच्चा देवी, विटोल आदि का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाया जाए। जगह मिली लेकिन ठिकाना नहीं मिला है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो