– जानकारी नहीं देने पर एसीएस भी कार्रवाई के दायरे में
आयोग के आदेश की अवहेलना से नाराज सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने विभाग की एसीएस सलीना सिंह को डीम्ड लोक सूचना अधिकारी बनाया है। आठ जुलाई को उन्हें मामले की रिपोर्ट सौंपनी है। यदि इस अवधि में कार्रवाई नहीं की गई तो अधिनियम की धारा २०(१) एवं २०(२) के तहत वह भी कार्रवाई की दायरे में आएंगी। उन पर उसी तरह की कार्रवाई होगी जो अन्य लोक सूचना अधिकारियों पर होती है। यदि ऐसा हुआ तो यह अलग ही मामला होगा जब एसीएस जैसे पद के बड़े अधिकारी पर कार्रवाई होगी। विभाग की लापरवाही पर पहले ३ हजार रुपए का हर्जाना था, जिसे बढ़ाकर अब दस हजार रुपए कर दिया गया है। विभाग को यह राशि भी निर्धारित अवधि में अपीलार्थी को देनी होगी।
– यह जानकारी मांगी गई थी
अपीलार्थी टीपी तिवारी की ओर से जनता कालेज से करीब दो साल पहले जानकारी मांगी थी कि १९९५ में कालेज के प्राचार्य का नाम, उस वर्ष कालेज में की गई नियुक्तियों की जानकारी, नियुक्ति कमेटी के सदस्यों के नाम, समाचार पत्र में प्रकाशित विज्ञापन की छायाप्रति। बताया जा रहा है कि कालेज में प्राचार्य के प्रभार को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था, अलग-अलग समय पर प्रभार बदलते रहे। इसी बीच कालेज की महत्वपूर्ण फाइलें गायब कर दी गई हैं। कहा जा रहा है कि जो जानकारी मांगी जा रही है, यह भी उसी का हिस्सा है।
– फर्जी हस्ताक्षर के आरोप की जांच करा रहे एसपी
आयोग के सामने सुनवाई के दौरान इस मामले में फर्जीवाड़ा किए जाने का मामला सामने आया है। विभाग ने एक आवेदन आयोग को सौंपा है, जिसमें अपीलार्थी ने लिखकर कहा है कि उन्हें जानकारी की आवश्यकता नहीं है। इसमें उन लोगों ने भी गवाही दी है, जो उस दौरान मौजूद थे। इस हस्ताक्षर को अपीलार्थी टीपी तिवारी ने कूटरचित बताते हुए स्वयं का होने से इंकार किया है। जिसके चलते मामले की जांच के लिए आयोग ने एसपी रीवा को पत्र भेजा था। इस पर पुलिस ने उच्च शिक्षा के एडी कार्यालय से उक्त आवेदन से जुड़ी फाइलें जब्त कर ली हैं। इस हस्ताक्षर की फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
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हाईकोर्ट से हमें निर्देश मिला था, जिस पर उच्च शिक्षा विभाग ने निर्देश के बावजूद जानकारी नहीं दी है। इसलिए एसीएस सलीना सिंह को डीम्ड पीआइओ बनाकर नि:शुल्क जानकारी देने का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए कहा है। प्रभारी प्राचार्य को जुर्माने का नोटिस दिया है, साथ ही आवेदन में फर्जीवाड़े का जिक्र आया है, जिसकी जांच एसपी रीवा को करने के लिए कहा है।
राहुल सिंह, राज्य सूचना आयुक्त
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आयोग के निर्देश पर पुलिस को वह सभी दस्तावेज उपलब्ध करा दिए गए हैं, जो अपीलार्थी की ओर से बतौर आवेदन दिए गए थे। इसमें वह भी शामिल है, जिसमें मांगी गई जानकारी की आवश्यकता नहीं होने का उल्लेख है।
डॉ. प्रभात पाण्डेय, ओएसडी उच्च शिक्षा