शासन ने रीवा सहित सभी जिलों के कलेक्टरों से यह जानकारी मांगी थी कि 90 दिन से पुराने अंत्येष्टि सहायता के प्रकरणों की जानकारी भेजी जाए। इसमें रीवा से जानकारी नहीं भेजी गई है। जिसके चलते श्रम विभाग के प्रमुख सचिव का फिर पत्र आया है जिसमें कहा गया है कि भिंड, ग्वालियर, उमरिया, धार, खंडवा, टीकमगढ़ एवं अलीराजपुर से जानकारी प्राप्त हुई है, जिसमें भी विसंगतियां सामने आई हैं, इसलिए अब नए सिरे से सत्यापन कर पोटज़्ल पर पात्र हितग्राहियों का ब्यौरा दजज़् कराएं।
जल्दवाजी या फिर लापरवाही की वजह से कई अपात्र हितग्राहियों का नाम पंजीकृत हो गया है। इसलिए इनका परीक्षण कर पोटज़्ल पर दजज़् कराने के लिए अंतिम अवसर दिए जाने की बात कही गई है। 10 फरवरी तक पोटज़्ल पर नाम संशोधित किए जा सकेंगे। इसके बाद कोई अवसर संशोधन के लिए नहीं दिए जाएंगे साथ ही संबंधित निकाय के प्रमुख को जवाबदेह मानते हुए सख्त कारज़्वाई भी करने की चेतावनी दी गई है।
विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद संबल योजना का पोटज़्ल बंद हो गया था। नई सरकार ने इसे बंद करने का संकेत दिया तो लंबे समय तक पोटज़्ल बंद ही रहा, लेकिन अब पूवज़् के लंबित प्रकरणों को स्वीकृत करने के लिए पोटज़्ल खोला गया है। जिसके चलते आगामी 10 फरवरी तक सभी लंबित नाम फीड किए जाने हैं। योजना पर अब भी संकट बना हुआ है, इसलिए नए सिरे से हितग्राहियों का पंजीयन भी बंद कर दिया गया है। शासन अब इसके लिए नई योजना बनाने की तैयारी कर रहा है।
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एक नजर
जिले में पंजीकृत सदस्य- 694512
पंजीकृत पुरुष सदस्य – 406906
पंजीकृत महिला सदस्य- 287606
पंजीयन के लिए लंबित- 72311
जिले में निगरानी समितियां- 3326
संबल सहयोगी सदस्य- 16630
योजना का लाभ मिला- 167904
वितरित की गई कुल राशि- 8.46 करोड़