रीवा

स्वच्छता को सामूहिक अभियान नहीं बना पाया निगम

बीते साल की तुलना में तैयारियां काफी पीछे, मानक के अनुसार कार्य पूरे नहीं

रीवाDec 28, 2017 / 12:23 pm

Mrigendra Singh

Sanitation not be organizing as a mass campaign

रीवा। स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 की तैयारियां अंतिम चरण में हैं लेकिन अभी तक इस अभियान को जन आंदोलन के रूप में निगम नहीं बदल पाया है। यही कारण है कि हर कार्य निगम की जवाबदेही समझा जा रहा है। 4 जनवरी के बाद कभी भी सर्वे हो सकता है। इधर निगम की तैयारियां पूरी नहीं हो पाई हैं, जो मानक केन्द्रीय शहरी मंत्रालय ने जारी किया है उसके अनुरूप अभी काम नहीं हो पाया है।
चार हजार शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा
सड़कों की सफाई को लेकर कार्य में कुछ तेजी जरूर आई है लेकिन इस वर्ष के सर्वे के लिए यह पर्याप्त नहीं है, दायरा बढ़ाया गया है। सड़कों की सफाई और कचरे के उठाव के अलावा अन्य कई बिन्दु निर्धारित किए गए हैं, जिनकी तैयारियां कमजोर हैं। बीते साल 2 हजार अंकों के लिए सर्वे हुआ था, जिसमें 38वीं रैंकिंग मिली थी। इस साल 4 हजार अंकों के लिए 4041 शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा है, जिसके लिए तैयारियां भी अधिक होना चाहिए लेकिन उस दिशा में कार्य पूरा नहीं हो सका है।
बीते साल मानव श्रृंखला ने बनाया था रिकार्ड
पिछले वर्ष निगम ने व्यापक रूप से तैयारियां की थी, टीआरएस कॉलेज ग्राउंड में दस हजार से अधिक स्कूली बच्चों की मानव श्रृंखला बनाई गई थी। इस कार्यक्रम का नाम गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया था। साथ ही अलग-अलग संगठनों से भी निगम प्रशासन ने सहयोग मांगा था, जिसके चलते शहर के हर हिस्से में स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर माहौल बनाया गया था। इस वर्ष सर्वेक्षण को लेकर उस हिसाब से माहौल बनाने में सफलता नहीं मिली है।
एनजीओ के सहारे गतिविधियां, नहीं जुड़ पा रहे लोग
स्वच्छता के प्रति माहौल तैयार करने के लिए नगर निगम ने एनजीओ का सहारा लिया है। चंद कार्यकर्ताओं के सहारे यह नुक्कड़ सभाएं कर औपचारिक पूर्ति करने में लगे हुए हैं लेकिन इनके आयोजनों में आम लोगों का जुड़ाव नहीं हो पा रहा है। नुक्कड़ सभाओं को प्रमोट करने के लिए महापौर को भी कार्यक्रम में बुलाया जा रहा है लेकिन वह भी भीड़ जुटाने में सफल नहीं हो पा रही हैं।
आंतरिक मूल्यांकन 30 को
स्वच्छता का आंतरिक मूल्यांकन 30 दिसंबर को होगा। केन्द्र सरकार से आने वाले सर्वे दल के पूर्व ही निगम यह तय करेगा कि उसके किस क्षेत्र में कितनी स्वच्छता है। इसमें स्कूल, कालेज, कोचिंग सेंटर, होटल, रेस्टोरेंट, नर्सिंगहोम, पैथालाजी सेंन्टर, शासकीय-अशासकीय कार्यालय आदि के लिए सुबह 11 बजे से स्थल पर नगर निगम द्वारा गठित दल सर्वे करेगा। इसकी गाइड लाइन पहले ही जारी की जा चुकी है।
चार दिन पूर्व एप डाउनलोड कराने का प्रशिक्षण
निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच आयुक्त ने बुधवार को स्कूलों के प्राचार्यों और शिक्षकों के साथ बैठक की। जिसमें कहा है कि स्वच्छता एप डाउनलोड कराने के लिए बच्चों को प्रेरित करें। 31 दिसंबर तक की स्थिति में सर्वे होना है लेकिन अभी तक निगम इस मामले में काफी पीछे चल रहा है। चार दिन और बचे हैं इस अवधि में कितना अधिक काम हो जाएगा यह सवालों के घेरे में है। इस दौरान आयुक्त ने यह भी बताया कि ओडीएफ के रिसर्टीफिकेशन के लिए शीघ्र ही केन्द्रीय दल आ रहा है, इस कारण निगम की टीम सतर्क रहे। निगम के टाउन हाल में हुई इस बैठक में कई अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
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