रात में पिया था सेनेटाइजर
घटना से पूरा परिवार गहरे सदमे में है। उक्त घटना सिटी कोतवाली थाने के गुढ़ चौराहा व रानी तालाब की है। रानी तालाब निवासी शैलेन्द्र बकसरिया 20 वर्ष संजय गांधी अस्पताल में सफाई कर्मचारी के रूप में पदस्थ है। उसने मंगलवार की रात अपने साथी जितेन्द्र निवासी गुढ़ चौराहा के साथ नशे के शौख को पूरा करने के लिए सेनेटाइजर का इस्तमाल किया था। दोनों ने सेनेटाइजर की पूरी शीशी पी ली जिससे उनकी हालत खराब हो गई। शैलेन्द्र बकसरिया के परिजनों को घटना की जानकारी उस समय हुई जब वह अचेत हो गया।
घटना से पूरा परिवार गहरे सदमे में है। उक्त घटना सिटी कोतवाली थाने के गुढ़ चौराहा व रानी तालाब की है। रानी तालाब निवासी शैलेन्द्र बकसरिया 20 वर्ष संजय गांधी अस्पताल में सफाई कर्मचारी के रूप में पदस्थ है। उसने मंगलवार की रात अपने साथी जितेन्द्र निवासी गुढ़ चौराहा के साथ नशे के शौख को पूरा करने के लिए सेनेटाइजर का इस्तमाल किया था। दोनों ने सेनेटाइजर की पूरी शीशी पी ली जिससे उनकी हालत खराब हो गई। शैलेन्द्र बकसरिया के परिजनों को घटना की जानकारी उस समय हुई जब वह अचेत हो गया।
युवकों को लाया गया अस्पताल
तत्काल उसको उपचार के लिए संजय गांधी अस्पताल लेकर आए जहां उसकी मौत हो गई। वहीं उसका साथी जितेन्द्र गुढ़ चौराहे में ही मृत हालत में पड़ा मिला। बुधवार की सुबह पुलिस ने परिजनों के बयान लेकर शव का पोस्टमार्टम कराया है। स्थानी लोगों के मुताबिक दोनों युवकों ने रात में सेनेटाइजर का सेवन किया था।
तत्काल उसको उपचार के लिए संजय गांधी अस्पताल लेकर आए जहां उसकी मौत हो गई। वहीं उसका साथी जितेन्द्र गुढ़ चौराहे में ही मृत हालत में पड़ा मिला। बुधवार की सुबह पुलिस ने परिजनों के बयान लेकर शव का पोस्टमार्टम कराया है। स्थानी लोगों के मुताबिक दोनों युवकों ने रात में सेनेटाइजर का सेवन किया था।
30 रुपए में पूरा हो जाता है नशे का शौख
लॉक डाउन में सेनेटाइजर का इस्तमाल नशे के रूप में काफी तेजी से बढ़ा है। कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए सेनेटाइजर तैयार किया गया था लेकिन इसका इस्तमाल युवकों ने नशे के लिए करना शुरू कर दिया। दरअसल शराब की एक पाव की सीसी अस्सी रुपए की आती है लेकिन सेनेटाइजर उनको तीस रुपए में मिल जाता है। यही कारण है कि अधिकांश लोग सेनेटाइजर का इस्तमाल कर रहे है। कुछ दिन पूर्व जिला कलेक्टर ने खुद भ्रमण के दौरान अचेत हालत में पड़े एक युवक को अस्पताल भिजवाया था जिसने सेनेटाइजर पिया था।
लॉक डाउन में सेनेटाइजर का इस्तमाल नशे के रूप में काफी तेजी से बढ़ा है। कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए सेनेटाइजर तैयार किया गया था लेकिन इसका इस्तमाल युवकों ने नशे के लिए करना शुरू कर दिया। दरअसल शराब की एक पाव की सीसी अस्सी रुपए की आती है लेकिन सेनेटाइजर उनको तीस रुपए में मिल जाता है। यही कारण है कि अधिकांश लोग सेनेटाइजर का इस्तमाल कर रहे है। कुछ दिन पूर्व जिला कलेक्टर ने खुद भ्रमण के दौरान अचेत हालत में पड़े एक युवक को अस्पताल भिजवाया था जिसने सेनेटाइजर पिया था।