कड़ी धूप के चलते बुजुर्ग मरीज हलाकान रहे
संजय गांधी हॉस्पिटल की ओपीडी में मंगलवार को 2300 से अधिक मरीजों का पंजीयन हुआ। इलाज के लिए दोपहर एक बजे तक मरीज परेशान रहे। जैसे-तैसे मरीज चिकित्सक को दिखाने के बाद दवा काउंटर पर पहुंचे। डेढ़ बजे दवा का काउंटर बंद कर दिया गया। जिसके चलते लोगों को दोपहर दो बजे कैजुअल्टी के सामने दवा काउंटर पर जाना पड़ा, जहां महिला और पुरूष मरीजों एवं परिजनों की लंबी कतार लगी। भीड़ अधिक होने के कारण लाइन हॉस्टिल गेट के बाहर पहुंच गई। परिसार में कड़ी धूप के चलते बुजुर्ग मरीज हलाकान रहे। इस दौरान कतार के बीच से चार और दो पहिया वाहन निकल रहे थे। जिससे मरीजों को अधिक परेशानी हुई। बुजुर्ग मरीज रामचंद्र सिंह ने बताया कि दो घंटे से कतार में खड़े हैं। धूप लग रही है, पैर दर्द कर रहा है। दवा नहीं मिली। इसी तरह कई दिव्यांग परेशान रहे।
संजय गांधी हॉस्पिटल की ओपीडी में मंगलवार को 2300 से अधिक मरीजों का पंजीयन हुआ। इलाज के लिए दोपहर एक बजे तक मरीज परेशान रहे। जैसे-तैसे मरीज चिकित्सक को दिखाने के बाद दवा काउंटर पर पहुंचे। डेढ़ बजे दवा का काउंटर बंद कर दिया गया। जिसके चलते लोगों को दोपहर दो बजे कैजुअल्टी के सामने दवा काउंटर पर जाना पड़ा, जहां महिला और पुरूष मरीजों एवं परिजनों की लंबी कतार लगी। भीड़ अधिक होने के कारण लाइन हॉस्टिल गेट के बाहर पहुंच गई। परिसार में कड़ी धूप के चलते बुजुर्ग मरीज हलाकान रहे। इस दौरान कतार के बीच से चार और दो पहिया वाहन निकल रहे थे। जिससे मरीजों को अधिक परेशानी हुई। बुजुर्ग मरीज रामचंद्र सिंह ने बताया कि दो घंटे से कतार में खड़े हैं। धूप लग रही है, पैर दर्द कर रहा है। दवा नहीं मिली। इसी तरह कई दिव्यांग परेशान रहे।
ब्लास्ट में घायल बेटे को इलाज के लिए भटकती रही महिला
शहर के निपनिया मोहल्ला निवासी तेरह वर्षीया फरदीन खान मंगलवार सुबह घर के पड़ोस में मामूली ब्लास्ट की चपेट में आने से झुलस गया। परिजन संजय गांधी हॉस्पिटल के कैजुअल्टी लेकर पहुंचे। डॉ शिखा श्रीवास्तव ने प्राथमिक उपचार कर वार्ड में भर्ती करा दिया। बाद में उसे बच्चा वार्ड भेजा गया। जहां भर्ती करने से मना कर दिया गया। परिजन दोबारा कैजुअल्टी में पहुंचे तो उसे बर्न यूनिट में भेज दिया। वहां भी भर्ती नहीं किया गया तो परेशान परिजन बेटे को लेकर निजी अस्पताल में चले गए।
शहर के निपनिया मोहल्ला निवासी तेरह वर्षीया फरदीन खान मंगलवार सुबह घर के पड़ोस में मामूली ब्लास्ट की चपेट में आने से झुलस गया। परिजन संजय गांधी हॉस्पिटल के कैजुअल्टी लेकर पहुंचे। डॉ शिखा श्रीवास्तव ने प्राथमिक उपचार कर वार्ड में भर्ती करा दिया। बाद में उसे बच्चा वार्ड भेजा गया। जहां भर्ती करने से मना कर दिया गया। परिजन दोबारा कैजुअल्टी में पहुंचे तो उसे बर्न यूनिट में भेज दिया। वहां भी भर्ती नहीं किया गया तो परेशान परिजन बेटे को लेकर निजी अस्पताल में चले गए।
सीएमओ कक्ष में मरीजों की रही भीड़
संजय गांधी अस्पताल में दोपहर बाद सीएमओ कक्ष में भीड़ बढ़ी। चिकित्सक कक्ष से लेकर बाहर गेट तक मरीज पर्चा जमा करने के जद्दो-जहद करते रहे। सभी को बारी-बारी से डॉ. अतुल सिंह ने प्रारंभिक जांच की और उन्हें वार्ड में भर्ती के लिए भेज दिया।
संजय गांधी अस्पताल में दोपहर बाद सीएमओ कक्ष में भीड़ बढ़ी। चिकित्सक कक्ष से लेकर बाहर गेट तक मरीज पर्चा जमा करने के जद्दो-जहद करते रहे। सभी को बारी-बारी से डॉ. अतुल सिंह ने प्रारंभिक जांच की और उन्हें वार्ड में भर्ती के लिए भेज दिया।