शनिवार को संजय गांधी हॉस्पिटल के आकस्मिक चिकित्सा विभाग में कंप्यूटर लगाए गए। सहायक अधीक्षक डॉ. अतुल सिंह ने बताया कि सभी मेडिकोलीगल रिपोर्ट टंकित कॉपी यानी कंप्यूटराइज्ड तैयार की जाएंगी। इसी तरह एमएलसी रिपोर्ट तैयार करने के लिए जिला अस्पताल में भी कंप्यूटर लैब तैयार की जाएगी। संजय गांधी अस्पताल से हर माह लगभग 100 से ज्यादा एमएलसी की जाती हैं, जबकि इससे अधिक जिला अस्पताल से जारी हो रही हंै।
मारपीट के मामले में शिकायती थाने पहुंचता है तो एफआईआर दर्ज करने के दौरान पुलिस एमएलसी भी करवाती है ताकि पता चल सके कि कितनी चोट लगी है। इसी आधार पर एफआइआर में धाराएं भी लगाई जाती हैं। एमएलसी अहम दस्तावेज है और क्रिमिनल मामलों में इसकी काफी अहमियत है। इसमें दर्ज होता है कि पीडि़त को कितना जख्म हुआ है और किस तरह के हथियार से बॉडी के किस भाग में चोट लगी है। इसमें डॉक्टर की राय भी होती है।
एसजीएमएच में लगेंगी आधा दर्जन सक्शन मशीनें
संजय गांधी अस्पताल के आकस्मिक चिकित्सा विभाग में आधा दर्जन सक्शन मशीनें स्थापित की जाएंगी। इससे जहर निगलने और फेफड़े में पानी से परेशान मरीजों के इलाज में सहूलियत मिलेगी। शासन से आधा दर्जन से अधिक मशीनें अस्पताल में आ गई हैं। प्रारंभिक चरण में आकस्मिक चिकित्सा विभाग में मशीनें लगाई जाएंगी। डीन डॉ. पीसी द्विवेदी ने बताया कि मशीनें आ गई हैं। संबंधित विभाग में मशीनों को लगाए जाने का निर्देश दिया गया है। मशीनों को लगाने के लिए सह अधीक्षक डॉ. अतुल सिंह ने आकस्मिक विभाग का निरीक्षण कर जगह चिह्नित कर लिया है। दो दिन के भीतर मशीनें लगा दी जाएंगी।