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रीवा

पाक मामू के साथ फ्रॉड का पैसा खातों में जमा करने वाले सतना के युवक का गिरोह पकड़ाया, रीवा के एटीएम में भी की थी तोडफ़ोड़

कमीशन के आधार पर बैंक खातों में राशि जमा करवाते और फिर उन्हें दूसरे खातों में जमा करवा देते, रीवा के एटीएम में तोडफ़ोड़ के मामले में हो चुका है गिरफ्तार, गिरोह में युवा इंजीनियर भी थे शामिल
 

रीवाDec 15, 2018 / 01:28 am

Balmukund Dwivedi

police arrest culprit

Satna’s youth was working for Pakistani robber, STF arrested

रीवा/सतना/इंदौर. एसटीएफ ने ऐसे गिरोह के छह बदमाशों को पकड़ा है, जो ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले पाकिस्तानी बड़े मामू/छोटे मामू के लिए काम कर रहे थे। पाकिस्तान लाटरी अथवा अन्य ऑनलाइन फ्रॉड का रुपया आरोपियों के जरिए भारतीय बैंक खातों में जमा करवाते और फिर उन्हें दूसरे खातों में ट्रांसफर करवा लेते। इसके बदले वे बदमाशों को 7 प्रतिशत तक कमीशन देते थे।
मालवीय नगर में किराए के मकान में रहता है
एसटीएफ की गिरफ्त में आए गिरोह का सरगना सतना का मूल निवासी पुष्पेंद्र उर्फ छोटू सिंह पिता अभिमानसिंह निवासी ग्राम गजगांव, कोटा जिला सतना है। आरोपी इस समय इंदौर के मालवीय नगर में किराए के मकान में रहता है। दरअसल एसपी जितेंद्रसिंह को मनीष भालसे पिता कमल निवासी वक्रतुंड नगर के संबंध में जानकारी मिली थी कि वह कई लोगों के बैंक खाते खुलवाकर उनसे एटीएम कार्ड लेकर खाते में जमा होने वाली राशि पर कमीशन दे रहा है। एसटीएफ के एएसआई अमित दीक्षित, ओमप्रकाश तिवारी, विजयसिंह, टीसी केतले की टीम ने मनीष को पकड़ा तो पाकिस्तानी बदमाशों के लिए काम कर रहे हैं। एसपी जितेंद्रसिंह के मुताबिक, मनीष से पूछताछ में पता चला कि वह बैंक खातों की जानकारी व एटीएम पुष्पेंद्रसिंह को देता है, जिसके बदले खाते में जमा होने वाली राशि का 3 प्रतिशत उसे कमीशन मिलता है। खाताधारक को वह एक से डेढ़ प्रतिशत की राशि देता है। एसटीएफ की टीम ने पुष्पेंद्रसिंह को पकड़कर पूछताछ की तो यह बात सामने आई कि वह अंतरराष्ट्रीय ठग गिरोह के लिए काम कर रहा है। इस गिरोह के मुख्य मास्टरमाइंड पाकिस्तान के बड़े मामू/छोटे मामू है। पुष्पेंद्र से पूछताछ में पता चला कि सतना में रहने वाला देवेंद्र पहले पाकिस्तान के ठग गिरोह के लिए काम करता था। देवेंद्र उसे 3 प्रतिशत कमीशन देता था। बाद में वह खुद सीधे पाकिस्तान के मामू से जुड़ गया। मामू के बारे में वह ज्यादा कुछ नहीं जानता है, बस उसे मामू फोन पर अथवा वाट्सऐप वॉइस नोट के जरिए बैंक खाते में राशि ट्रांसफर होने की सूचना देता। राशि बैंक खाते में ट्रांसफर होने के बाद पुष्पेंद्र उसमें से 7 प्रतिशत कमीशन अपने पास रखता और बाकी राशि पाकिस्तानी द्वारा बताए अगले बैंक खाते में ट्रांसफर कर देता। यह बैंक खाते केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र के होते थे। इन खातों से पाकिस्तानियों तक राशि कैसे पहुंचती, इसका उसे पता नहीं है। उसे पता था कि पैसा पाक जा रहा है, फिर भी गिरोह के लिए काम किया।
सतना का पुष्पेंद्र पाक के लिए कर रहा था काम
एसपी जितेंद्रसिंह के मुताबिक, पुष्पेंद्र से पूछताछ में पता चला कि वह पाकिस्तानियों के लिए आठ साल से काम कर रहा है। लोगों के साथ लाटरी व अन्य तरीकों से ऑनलाइन फ्रॉड करते और फिर पैसा पुष्पेंद्र द्वारा बताए बैंक खातों में जमा कर देते। पुष्पेंद्र वर्ष 2012 में हुबली में ऑनलाइन फ्रॉड व 2015 में रीवा में एटीएम में तोडफ़ोड़ के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। पुष्पेंद्र के पास से 30 बैंकों के एटीएम व 40 खातों की जानकारी मिली है। बैंक खाते लाने में मदद करने वाले मनीष के साथ ही भारगेंद्रसिंह पिता सलीम रामसिंह निवासी मूल निवासी सतना हाल कल्प कामधुने नगर, सुजीत सिंह पिता सुखलाल मूल निवासी रीवा हाल कृष्णबाग कॉलोनी, करण सिंह पिता शैलेंद्रसिंह मूल निवासी सतना हाल अनिल नगर व ब्रजेंद्र सिंह उर्फ बादल पिता इंद्रबहादुरसिंह मूल निवासी सतना हाल मालवीय नगर को भी गिरफ्तार किया। इसमें से आरोपी करणसिंह मार्केटिंग, मनीष निजी कंपनी में, भारगेंद्रसिंह इंजीनियरिंग छात्र है, जबकि सुजीतसिंह व ब्रजेंद्र सिंह इंजीनियरिंग कर चुके हैं। पैसों की लालच में वे गिरोह के लिए काम करने लगे।
एक साल में जमा हुए 1.43 करोड़ रुपए
एसपी जितेंद्रसिंह के मुताबिक, आरोपी पुष्पेंद्र ने फ्रॉड का पैसा जमा कराने के लिए खुद को दो बैंक खातों का भी इस्तेमाल किया। यह भी पता चला कि पाकिस्तानी पहले सिक्योरिटी राशि जमा करवाते हैं, सिक्यूरिटी में जितनी राशि दी है उतनी राशि खाते में ट्रांसफर करवाते है, ताकि उनके किसी तरह की ठगी न हो। पुष्पेंद्र के एमआर-10 स्थित राष्ट्रीकृत बैंक के खातें की जांच करने पर सभी चौक गए। जांच करने पर पता चला कि पुष्पेंद्र के इस खाते में 8 दिसंबर 2017 से 13 दिसंबर 2018 के बीच 1 करोड़ 43 लाख 76 हजार जमा हुए। इस दौरान खाते से 2060 ट्रांजेक्शन हुए, 257 बार उसने खाते से राशि ट्रांसफर की, 900 बार पैसे आए जिससे लगता है कि 900 लोगों से ठगी हुई।
सतना के युवक की गर्ल फ्रेंड से भी होगी पूछताछ
पूछताछ में पता चला, पुष्पेंद्र की एक गर्ल फ्रेंड है, जो कॉल सेंटर में काम करती हैं। अफसरों को शक है कि ऑनलाइन फ्रॉड में उसकी भूमिका हो सकती है, इसलिए उससे भी पूछताछ की जाएगी। पुष्पेंद्र कमाई के कारण जमकर अय्याशी करता था, उसकी हाई प्रोफाइल जिंदगी से प्रभावित होकर युवा इंजीनियर भी फ्रॉड में शामिल हो गए थे। बैंक खाता धारकों की एसटीएफ तलाश कर रहा है।
8 साल से पाकिस्तानियों के संपर्क में था पुष्पेंद्र
आरोपी पुष्पेंद्र करीब 8 साल से पाकिस्तानी ठगोरों के संपर्क में है। पहले उसे पाकिस्तान के नंबर से कॉल आते थे, बाद में वॉट्सऐप वाइस नोट के जरिए संदेश मिलने लगे। पाकिस्तान के कॉल लगातार आने के बाद भी सुरक्षा एजेंसियों को भनक नहीं लगना कई तरह के सवाल खड़े करता हैं।
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