ऐसे में CMHO ने एडवाइजरी जारी कर अभिभावकों से बच्चों को सुरक्षित रखने को कहा है। उन्होंने कहा है कि इस ठंड में बच्चों के निमोनिया के गिरफ्त में आने का खतरा ज्यादा रहता है। यह निमोनिया जानलेवा भी हो सकता है। ऐसे में बच्चों को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा है कि बच्चों में बुखार, खांसी, तेज श्वांस चलना, पसली चलना अथवा पसली धसना निमोनिया के लक्षण हैं। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर बच्चों को निमोनिया के उपचार की खातिर फौरन चिकित्सक अथवा निकटतम स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं। सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में शिशुओं को निमोनिया से बचाव ते बेहद कारगर वैक्सीन नि:शुल्क उपलब्ध है। अपने शिशु को 9 माह, डेढ़ साल, साढ़े तीन एवं में निमोनिया से बचाव के लिए पीसीव्ही वैक्सीन की पूर्ण डोज नि:शुल्क अवश्य लगवाएं।
बच्चों को ठंड से बचाव के लिए अभिभावकों से आग्रह किया है कि बच्चों को दो-तीन परतों में गर्म कपडे पहनाएं। ठंडी हवा से बचाव के लिए शिशु के कान को ढंके, तलुओं को ठंडेपन से बचाव के लिए बच्चों को गर्म मोजे पहनाएं। निमोनिया के उपचार के लिए आवश्यक औषधियां अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध हैं। चिकित्सक के परामर्श अनुसार निमोनिया का पूर्ण उपचार आवश्यक रूप से लें और अपने बच्चों को सुरक्षित रखें।