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एक शाला एक परिसर का इन स्कूलों पर नहीं पड़ेगा कोई असर, पहले जैसे ही चलेगी व्यवस्था

locationरीवाPublished: Jun 19, 2019 05:03:46 pm

Submitted by:

Vedmani Dwivedi

जिले में 2750 स्कूल स्वतंत्र रूप से करेंगी काम, सबसे ज्यादा 2014 प्राथमिक विद्यालय हैं स्वतंत्र

Bad condition of schools in Madhya Pradesh

Bad condition of schools in Madhya Pradesh

रीवा. शिक्षा विभाग के एक शाला एक परिसर की व्यवस्था से जहां एक ओर कई स्कूलें प्रभावित हो रही हैं वहीं दूसरी और कुछ स्कूलें ऐसी भी हैं जिन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। इन स्कूलों में पहले जैसी ही व्यवस्था चलेगी। वहां पदस्थ प्रधानाध्यापक एवं प्राचार्य पहले जैसे ही काम करते रहेंगे।

ऐसा इसलिए की इन स्कूलों के आस – पास कोई बड़ी विद्यालय नहीं हैं जिसमें इन्हें समाहित किया जा सके। ऐसे में ये स्वतंत्र रूप से काम करती रहेगी। इन स्वतंत्र स्कूलों में से कई ऐसी स्कूलें हैं जहां शिक्षकों के अनुपात में बच्चे काफी कम हैं। ऐसे में उन शिक्षकों को कम शिक्षकों की संख्या वाले स्कूलों में शैक्षणिक कार्य में मदद नहीं ली जा सकेगी।

जिले में ऐसी कुल 2750 विद्यालय हैं जो इसके दायरे में नहीं आ रही है। सबसे ज्यादा प्राथमिक स्कूलों की संख्या हैं। शिक्षा विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक 2014 ऐसे प्राथमिक विद्यालय हैं जिन पर एक शाला एक परिसर का कोई असर नहीं पड़ेगा। इसी प्रकार 705 ऐसे माध्यमिक विद्यालय हैं जो पहले की ही तरह स्वतंत्र रूप से कार्य करते रहेंगे। 13 ऐसे हाई स्कूल, 18 ऐसे हायर सेकंडरी स्कूल हैं जो स्वतंत्रत रूप से कार्य करते रहेंगे।

एकशाला एक परिसर का उद्देश्य
एक शाला एक परिसर का उद्देश्य स्कूलों में उपलब्ध संसाधनों का लाभ ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक पहुंचे। हायर सेकंडरी एवं हाइ स्कूल में उपलब्ध संसाधनों का उपयोग माध्यमिक एवं प्राथमिक में किया जा सके। माध्यमिक एवं प्राथमिक स्कूलों में उपलब्ध संसाधनों का उपयोग हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूलों में किया जा सके।

स्कूल के प्राचार्य आवश्यकता के मुताबिक स्कूल की व्यवस्था बना सकते हैं। कुछ स्कूलों को तो इसका लाभ मिला लेकिन जो स्कूल दूर – दूर हैं उन पर इसका असर नहीं पड़ा। ऐसे में शिक्षा विभाग को उन स्कूलों के लिए अन्य व्यवस्था बनानी होगी।

यह तय किए गए हैं मानक
अभी तक सभी प्राथमिक, माध्यमिक, हाइ एवं हायर सेकंडरी स्कूल स्वतंत्र रूप से काम करती थी। प्राथमिक एवं माध्यमिक में प्रधानाध्यापक एवं हाइ एवं हायर सेकंडरी में प्राचार्य निगरानी करते थे। एक शाला एक परिसर की व्यवस्था के मुताबिक अब १०० मीटर के दायरे में आने वाले प्राथमिक, माध्यमिक एवं हाई स्कूल हायर सेकंडरी के अंतर्गत आएंगे। वहां प्रधानाध्यापक का कोई पद नहीं होगा। प्राचार्य पूरी व्यस्था देखेंगे।

केस नं. – 1
रीवा शहर में ओवर ब्रिज के समीप स्थिति प्राथमिक शाला अमहिया के आस – पास कोई माध्यमिक शाला एवं हायर सेकंडरी स्कूल नहीं हैं। जिसकी वजह से इस स्कूल की व्यवस्था पहले जैसी ही बनी रहेगी। इस स्कूल में एक शाला एक परिसर का कोई असर नहीं पड़ेगा। यहां छह शिक्षक पदस्थ हैं। जबकि बच्चों की संख्या करीब 30 है। शिक्षको की संख्या अपेक्षा कृत ज्यादा होने की बावजूद इनका उपयोग नहीं किया जा सकेगा। एक शाला एक परिसर में आने पर इन शिक्षकों को उपयोग माध्यमिक कक्षाओं के लिए किया जा सकता।

केस नं. – 2
छोटी पुल केे समीप ढेकहा प्राथमिक स्कूल में प्रधानाध्यापक सहित चार शिक्षक पदस्थ हैं। जबकि यहां बच्चों की संख्या करीब 20 है। इस स्कूल पर भी एक शाला एक परिसर का कोई असर नहीं पड़ेगा। बच्चों के अनुपात में शिक्षकों की संख्या ज्यादा होने के बावजूद उनका उपयोग नहीं किया जा सकेगा। यहां शिक्षा के अधिकारी अधिनियम 2009 के मुताबिक 35 बच्चों पर एक शिक्षक के अनुपात में काफी ज्यादा शिक्षक हैं। अब यदि शिक्षकों की पदस्थापना अन्य ज्यादा बच्चों की संख्या वाले स्कूलों में की जाए तभी सही व्यवस्था बन सकती है।

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