मानव संसाधन विकास मंत्रालय की नेशनल काउंसल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च ने उन तमाम बिंदुओं पर सुझाव मांगे हैं, जिनके जरिए स्कूलों का संचालन किया जा सकता है। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन हो सके ताकि छात्र व शिक्षक दोनों महफूज रह सकें।
स्थानीय स्तर पर स्कूलों के प्रबंधऩ द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए कक्षाएं संचालित करने की तैयारी की जा रही है। सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही स्कूल खुलेंगे। रीवा में केंद्रीय विद्यालय सहित कई प्रमुख स्कूलों से उनके संसाधन और कक्षाओं के लिए सुझाव मांगे गए हैं। कक्षाओं के लिए सुझाव मांगे गए हैं। कक्षाओं में छात्रों की संख्या को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई है। इसके तहत जहां अब तक एक सेक्शन में 40 बच्चे बैठते थे वहां सोशल डिस्टेंसिंग के तहत 20 छात्रोंको ही बैठाया जाएगा।
इतना ही नहीं स्कूलों में हर दिन छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग (तापमान लिया जाएगा) होगी। ये तापमान रजिस्टर में दर्ज होगा ताकि सेहत की नियमित समीक्षा की जा सके। मास्क पहनना जरूरी होगा। साथ ही बच्चों को साबुन से हाथ धोने के साथ ही सेनेटाइजर का उपयोग करने की अनिवार्यता होगी।
कक्षाओं का संचालन किस तरह से होगा इसका स्वरूप अभी तय नहीं है। अधिकांश स्थानों से सुझाव आए हैं कि नर्सरी से पांचवीं कक्षा तक की क्लासेज नहीं चलेंगी। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि छोटे बच्चों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना आसान नहीं होगा। ऐसे में कक्षा 8 के बाद की कक्षाएं संचालित की जाएंगी। साथ ही ऑड-इवेन तर्ज पर कक्षाएं चलाने या हर दिन एक तिहाई छात्रों को बुलाने पर भी विचार विमर्श किया जा रहा है।
शासन की ओर से अब तक कोई गाइड लाइन नहीं मिली है। अभी कक्षा 12 की परीक्षा आगामी 9 जून से कराने की तैयारी में विभाग लगा है। इस परीक्षा में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए आवश्यक उपाय किए जाएंगे। मास्क लगाना परीक्षार्थियों को अनिवार्य है, सेनेटाइजर का भी इंतजाम केंद्र में रहेगा।- आरएन पटेल, जिला शिक्षा अधिकारी, रीवा