इसमें कई अहम बिन्दुओं की जानकारी पूर्व केन्द्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी एवं राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने भी दी। इस दौरान आरटीआई की धारा 2(जे) से जुड़ी उपधाराओं पर विस्तृत चर्चा की गई। इस बीच दिल्ली से अक्षय गोस्वामी और अन्य ने पूछा कि इंस्पेक्शन और सैंपलिंग लेने के संदर्भ में क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है। जिसमें बताया गया कि धारा 6(1) के तहत ही आवेदन दिया जाता है और कागज़ दस्तावेज के स्थान पर कार्य के निरीक्षण, किसी स्थल के निरीक्षण और सैंपल लेना है इस प्रकार लिखा जाता है। इस प्रक्रिया में भी लोक सूचना अधिकारी को समयसीमा पर जानकारी उपलब्ध करानी होती है और यदि पीआईओ समय पर जानकारी नहीं देता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है। इस दौरान कई उदाहरण भी बताए गए जिनमें निर्माण सामग्री के सेंपल आरटीआई के माध्यम से लिए गए हैं। वेबीनार में हाईकोर्ट के अधिवक्ता नित्यानंद मिश्रा, एक्टिविष्ट शिवानंद द्विवेदी, दिल्ली से अक्षय गोस्वामी, राजस्थान से आरके मीणा, शिवेंद्र मिश्रा, रायपुर से विनोद दास, नागपुर से वीरेंद्र द्विवेदी, मदन गोपाल तिवारी, सत्येंद्र शिकरवार, इंदौर से अंकुर मिश्रा, हरियाणा से निखिल खुराना, हिमांशु पण्डेय, ग्वालियर से आशीष राय, प्रदीप उपाध्याय, राजू तिवारी, कृष्ण नारायण दुबे, स्वतंत्र शुक्ला, मेघना गटिया, शैलेन्द्र प्रताप सिंह सहित अन्य ने भी अपनी बातें रखी।