scriptइन महिलाओं ने कोरोना काल में कर दिया धमाल | Self help group women make 28 thousand masks | Patrika News

इन महिलाओं ने कोरोना काल में कर दिया धमाल

locationरीवाPublished: Jun 27, 2020 05:06:00 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-घरेलू काम-काज के साथ समाज का किया भला, पैसा भी कमाया फटाफट

Self help group women make masks

Self help group women make masks

रीवा. कोरोना वायरस के कहर ने जहां लाखों लोगों के काम छुड़वा दिए। लोग बेरोजगार हो गए। जैसे-तैसे दूर-दराज से गांव-घर लौटे। वहीं इन महिलाओं ने तो धमाल मचा दिया। घर-गृहस्थी के साथ-साथ इनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्य को हर तरफ सराहा जा रहा है। इन्होंने वो काम किया है जिससे न केवल इन्हें आर्थिक लाभ हुआ बल्कि व्यापक पैमाने पर समाज का भी लाभ हुआ।
दरअसल ये महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं। इन महिलाओं को इस कोरोना काल में लोगों की जीवन रक्षा का दायित्व सौंपा गया जिसे इन्होंने बखूबी निभाया। वैसे ये महिलाएं पहले से सिलाई-कढ़ाई का काम करती रहीं। ऐसे में इन्हें मास्क बनाने का काम मिला जिसे इन्होंने खुशी-खुशी स्वीकार किया। बताया जा रहा है कि महिलाओं के 30 समूहों ने 28 हजार मास्क बनाए।
शहरी आजीविका मिशन के सिटी मैनेजर कृष्ण कुमार पटेल एवं टीम लीडर राजेश कुमार विश्वकर्मा के मार्गदर्शन में स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा आजीविका के विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि नगर पालिक निगम क्षेत्र में शहरी आजीविका मिशन अंतर्गत 462 स्वसहायता समूह बने हैं जिनमें से 30 समूहों ने 28 हजार मास्क बनाए।
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत हनुमान नगर रीवा के वार्ड -20 व 43 की महिलाओं के समूह “गुरूकृपा अनुपमा महिला स्वसहायता समूह” ने दो सौ से अधिक मास्क बनाए तथा उनसे 2200 रुपये की कमाई की। समूह की प्रमुख अर्चना तिवारी बताती हैं कि हम लोग घर के काम- काज से खाली होकर समूह के माध्यम से सिलाई का काम करती हैं। कोरोना संक्रमणकाल में हमें मास्क बनाने का काम मिला और हमने 11 रुपये प्रति मास्क के हिसाब से 200 मास्क बनाए जिन्हें बैंक, ग्रामीण विकास विभाग व नगर पालिकाओं में बेंचा गया। नतीजा हमारे खातों में जल्द ही पैसा भी आ गया। उन्होंने बताया कि समूह की महिलाओं द्वारा बनाये गए मास्क गरीबों को निशुल्क भी बांटे जा रहे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो