उन्होंने कहा कि साहित्य मानवता को सरल बनाने का माध्यम है। साहित्य साधना से हृदय विशाल होता है और दूसरे व्यक्ति का नजरिया समझने में सहूलियत होती है। टीआरएस कालेज के पूर्व आचार्य डॉ. एएल गौतम ने भी विद्यार्थियों से संवाद किया।
कहा, अच्छे साहित्य के प्रचार-प्रसार से समाज में सौहार्द बढ़ता है, दूरिया कम होती है और समाज उन्नति करता है। इस अवसर पर विभाग की आचार्य प्रो. मृणाल श्रीवास्तव, अतिथि विद्वान डॉ. श्रवण मिश्र, डॉ. ज्योति पांडे, डॉ. जगजीत कौर उपस्थित रहे। शोधार्थी ने विद्वत भाषण ध्यानपूर्वक सुना।
विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में विद्वत सभा का आयोजन विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. शुभा तिवारी ने किया। इस अवसर पर छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं।