गृहमंत्री ने कहा कि अपराधों को रोकने के लिए पुलिस गश्त बढ़ाए। वरिष्ठ अधिकारी भी रात में गश्त करें तथा गश्ती में तैनात पुलिसकर्मियों की निगरानी करें। आदतन अपराधियों पर कड़ी कार्यवाही करें। मैहर तथा चित्रकूट में लगने वाले मेलों में सुरक्षा के उचित प्रबंध रखें। रीवा तथा सतना जिले के कुछ क्षेत्रों में डकैतों की गतिविधियां होती रहती हैं। डकैतों को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयास करें। साइबर अपराधों को सुलझाने के लिए विशेष प्रयास करें। कनिष्ठ पुलिस अधिकारियों तथा पुलिसकर्मियों को उचित प्रशिक्षण दें।
बैठक में आईजी शेखर ने बताया कि संभाग में कानून व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में है। किसी भी क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव तथा औद्योगिक तनाव नहीं है। रीवा तथा सतना जिलों में संभाग के अन्य जिलों की तुलना में अपराधों की संख्या अधिक है। इनमें लूट, चोरी, गृहभेदन, हत्याए बलात्कार तथा अन्य अपराध शामिल हैं। अपराध दर्ज होने के बाद अपराधियों की धरपकड़ के लिए लगातार प्रयास किए जाते हैं। रीवा संभाग में एक जनवरी 2019 से 31 मई तक कुल 8644 अपराध दर्ज हुए हैं। बैठक में पुलिस अधीक्षक सतना ने प्रत्येक जिले में साइबर सेल विशेषज्ञ, कानूनी सहायता के लिए विशेषज्ञ तथा मेडिकल जांच के लिए विशेषज्ञों की नियुक्ति का सुझाव दिया।
जेलों में संचालित किए जाएंगे प्रशिक्षण पाठयक्रम
मंत्री ने जेल अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कहा कि जेलों की बेहतरी के सभी इंतजाम किये जाएंगे। जेलों की क्षमता वृद्धि के लिए जेल काम्पलेक्स, नई जेल व अतिरिक्त बैरकों के निर्माण की कार्रवाही की जाएगी। जेल मंत्री ने कहा कि जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के लिए बाउण्ड्रीबाल निर्माण कराते हुए उसमें फेंसिंग व इलेक्ट्रिक वायरिंग फेंसिंग तथा सीसीटीवी कैमरा की भी व्यवस्था सुनिश्चित करायी जायेगी। जेलों में शिक्षा, कौशल विकास उन्नयन, प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम संचालित किये जाय ताकि बंदियों को स्वरोजगार का मार्ग प्रशस्त हो सके। जेल मंत्री को आईजी रेंज जेल जीपी ताम्रकार ने संभाग के जेलों की व्यवस्थाओं व अन्य आवश्यकताओं की जानकारी पावर प्वाइंट के माध्यम से प्रस्तुत की जिनके निराकरण के लिए जेल मंत्री ने आश्वस्त किया।