बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन एवं कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों के बीच 22 जनवरी को 10 सूत्रीय मांगों के संबंध में बात हुई थी। कार्यपरिषद कक्ष में बातचीत के बाद मांगों को पूरा करने का निर्णय लिया गया था। तब से लगातार संघ के द्वारा निर्णयानुसार आदेश प्रसारित करने का आग्रह एपीएसयू प्रशासन से किया गया लेकिन आदेश निकालने एवं क्रियान्वयन करने पर हीला – हवाली की जा रही है।
महासचिव डॉ. कृष्णेन्द्र कुमार मिश्र ने कहा कि मध्य प्रदेश शासन के कर्मचारियों की भांति विश्वविद्यालय कर्मचारियों को एरियर्स का भुगतान किया जाए। विश्वविद्यालय में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को जिन्हें स्थायी कर्मी नहीं बनाया गया है। दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के एरियर्स का भुगतान किया जाए।
क्रमोन्नति, समयमान का लाभ मिले
कर्मचारी संघ के आनंद बहादुर सिंह ने कहा कि, 1995 से नियमित हुए कर्मचारियों को क्रमोन्नति, समयमान वेतनमान का आदेश तत्काल प्रसारित किया जाए। विश्वविद्यालय में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को जिन्हें स्थायी कर्मी नहीं बनाया गया है। उनका भी आदेश प्रसारित किया जाए।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचरियों के एरियर्स का भुगतान तत्काल किया जाए। पांच कर्मचरियों की रोकी गई वेतनवृद्धि तत्काल बहाल की जाए। वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि, बैकलॉग पदों की समीझा कर रिक्त पदों की तत्काल पूर्ति की जाए। वरिष्ठ तकनीकी सहायक दिनेश कुम्हार को तकनीकी अधिकारी का वेतनमान प्रदान किया जाए।
तकनीकी अधिकारी डॉ. प्रदीप सिंह को रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर की भांति वेतनमान का आदेश तत्काल प्रसारित किया जाए। प्लेसमेंट अधिकारी डॉ. रजनीश पाण्डेय का संशोधित आदेश प्रसारित किया जाए। विश्वविद्याल में कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के बचे हुए कर्मचारियों को भी समयमान वेतनमान दिए जाने का आदेश प्रसारित किया जाए।
इस दौरान इन्द्रजीत तिवारी, इन्द्र कुमार परौहा, गंगा प्रसाद द्विवेदी,ऋषिराज सिंह, अनिरुद्ध प्रसाद तिवारी ,धनविजय सिंह, संतोष कुमार सिंह, जयनारायण सोनी, कैलाशनाथ त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के कर्मचारी मौजूद रहे।