सतना से आए मरीज के साथ मारपीट
सतना जिले के आरपटन क्षेत्र के रैगांव निवासी सुजीत पाठक का दो दिन से दिमागी हालत ठीक नहीं है। परिजन सोमवार दोपहर इलाज के लिए संजय गांधी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। पर्ची कटवाने के बाद परिजन जैसे ही मानसिक स्वास्थ्य विभाग के मुख्य गेट पर पहुंचे, गार्ड ने गेटपास की पर्ची मांगी। परिजन गेट पास की पर्ची लेने चले गए। इस बीच किसी बात को लेकर गेट पर मौजूद गार्डों ने मानसिक रोगी की लाठियों से पिटाई कर दी। जिससे वह लहूलुहान हो गया है। परिजनों ने डॉक्टरों से शिकायत कर जानकारी दी है कि गार्ड की पिटाई से सुजीत पाठक को गले और कंधे में चोटें आईं हैं।
सतना जिले के आरपटन क्षेत्र के रैगांव निवासी सुजीत पाठक का दो दिन से दिमागी हालत ठीक नहीं है। परिजन सोमवार दोपहर इलाज के लिए संजय गांधी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। पर्ची कटवाने के बाद परिजन जैसे ही मानसिक स्वास्थ्य विभाग के मुख्य गेट पर पहुंचे, गार्ड ने गेटपास की पर्ची मांगी। परिजन गेट पास की पर्ची लेने चले गए। इस बीच किसी बात को लेकर गेट पर मौजूद गार्डों ने मानसिक रोगी की लाठियों से पिटाई कर दी। जिससे वह लहूलुहान हो गया है। परिजनों ने डॉक्टरों से शिकायत कर जानकारी दी है कि गार्ड की पिटाई से सुजीत पाठक को गले और कंधे में चोटें आईं हैं।
बीच बचाव में पीडि़त का बेटा भी पिटा
संजय गांधी हॉस्पिटल में सोमवार दोपहर मानसिक रोग विभाग के गेट पर गार्ड ने मानसिक रोगी की डंडे से पिटाई कर दी इस बीच बेटा सुमित बीच बचाव में आया तो उसे भी चोटें आ गईं हैं। इससे परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। हालांकि गार्ड ने गेट बंद कर उन्हें भगा दिया। परिजनों ने इसकी शिकायत हॉस्पिटल के अधीक्षक सहित कई अन्य चिकित्सकों से की तो पीडि़त को वार्ड में ले जाने की अनुमति दी गई। गार्ड की पिटाई से परिजनों में असंतोष है। इस मामले की शिकायत पुलिस में नहीं की गई है।
संजय गांधी हॉस्पिटल में सोमवार दोपहर मानसिक रोग विभाग के गेट पर गार्ड ने मानसिक रोगी की डंडे से पिटाई कर दी इस बीच बेटा सुमित बीच बचाव में आया तो उसे भी चोटें आ गईं हैं। इससे परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। हालांकि गार्ड ने गेट बंद कर उन्हें भगा दिया। परिजनों ने इसकी शिकायत हॉस्पिटल के अधीक्षक सहित कई अन्य चिकित्सकों से की तो पीडि़त को वार्ड में ले जाने की अनुमति दी गई। गार्ड की पिटाई से परिजनों में असंतोष है। इस मामले की शिकायत पुलिस में नहीं की गई है।
अस्पताल में आए दिन मारपीट
विंध्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल में आए दिन डॉक्टर, गार्ड और तीमारदारों में मारपीट की स्थिति बनी रहती है। कई बार जूनियर डॉक्टरों की ज्यादस्ती के कारण तीमारीदारों के बीच बड़े बवाल भी हो जाते हैं। डॉक्टर और तीमारदार के बीच सामान्य ठीक नहीं होने कारण मरीजों को परेशान होना पड़ता है।
विंध्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल में आए दिन डॉक्टर, गार्ड और तीमारदारों में मारपीट की स्थिति बनी रहती है। कई बार जूनियर डॉक्टरों की ज्यादस्ती के कारण तीमारीदारों के बीच बड़े बवाल भी हो जाते हैं। डॉक्टर और तीमारदार के बीच सामान्य ठीक नहीं होने कारण मरीजों को परेशान होना पड़ता है।