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कैंसर रोगियों का उपचार होगा आसान, रीवा सहित तीन शहरों को लीनियर एक्सीलरेटर मशीनें मिलेंगी

locationरीवाPublished: Jan 05, 2022 11:12:26 am

Submitted by:

Mrigendra Singh

– लगातार विंध्य में बढ़ते कैंसर रोगियों की संख्या को देखते हुए सरकार ने रीवा को दी स्वीकृति

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रीवा। संजयगांधी अस्पताल में आने वाले दिनों में कैंसर रोगियों का बेहतर उपचार करने के लिए आधुनिक मशीन उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए पूर्व में भेजे गए प्रस्ताव पर मंत्री परिषद की अनुमति मिल गई है। यह सुविधा रीवा, भोपाल एवं इंदौर के मेडिकल कालेजों को दी जाएगी। रीवा के संजयगांधी अस्पताल में अब तक कोबाल्ट यूनिट की मशीन से कैंसर रोगियों को उपचार दिया जाता रहा है लेकिन अब लीनियर एक्सीलरेटर(लीनेक) मशीन उपलब्ध कराई जाएगी। यह आधुनिक रेडिएशन मशीन है, इसके उपयोग से रोगियों के शरीर के दूसरे हिस्सों को रेडिएशन का किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचता है। कोबाल्ट मशीन से कई बार ऐसी शिकायतें आती रही हैं कि शरीर के दूसरे हिस्सों को नुकसान पहुंचता था। सरकार के निर्णय के बाद संजयगांधी अस्पताल में पदस्थ कैंसर यूनिट के विशेष डॉ. अजीत मार्को ने बताया कि लीनियर एक्सीलरेटर शरीर के भीतर जिस अंग को आवश्यकता होती है, वहीं तक रेडिएशन देता है। अत्याधुनिक कम्प्युटराइज्ड मशीन है। रीवा को छह एमबी एनर्जी वाली मशीन मिलेगी। इसकी लागत 18 करोड़ रुपए से शुरू होती है, अलग-अलग कंपनियों और क्षमता के अनुसार कीमत में बढ़ोत्तरी होती है। सरकारी अस्पतालों में अभी एम्स में यह मशीन थी। प्राइवेट अस्पतालों में भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर आदि में सुविधाएं हैं।
– रेडिएशन के साइड इफेक्ट से मिलेगी राहत
वर्तमान में रीवा सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में कैंसर के मरीजों का इलाज कोबाल्ट मशीन से किया जाता है। यह इलाज की पुरानी टेक्नीक है। इसकी जगह लीनियर एक्सीलेटर उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे मरीजों को रेडिएशन से होने वाले साइड-इफेक्ट कम झेलने होंगे। यह मशीन कैंसरग्रस्त सेल्स को टारगेट करेगी। इससे सामान्य सेल पर रेडिएशन का बुरा असर नहीं पड़ेगा। इसके संचालन का काम समाज सेवा से जुड़ी संस्था द्वारा किया जाएगा।
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ऐसे होता है इलाज
संजयगांधी अस्पताल के विशेषज्ञ डॉ. अजीत मार्को ने बताया कि लीनियर एक्सीलरेटर से सीधे कैंसर ट्यूमर वाले हिस्से पर रेडिएशन डाला जाता है, जो दूसरे सेल को खत्म करने के बजाय केवल कैंसर सेल को खत्म करता है। इसमें दूसरी मशीनों के मुकाबले ज्यादा रेडिएशन निकलता है। इसी कारण इसे चलाने के दौरान रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट का होना जरूरी है। कोबाल्ट मशीन से कैंसर ट्यूमर के क्षेत्र से एक-दो सेंटीमीटर अधिक क्षेत्र में रेडिएशन दिया जाता है, जिसके कारण स्वस्थ कोशिकाएं भी प्रभावित होती हैं। मरीज को कमजोरी, खून की कमी, सूजन जैसी समस्या होती है। कई मरीज इलाज अधूरा छोड़ देते हैं, जबकि लीनियर एक्सीलेटर कैंसर उपचार के लिए आधुनिक तकनीक का उपकरण है।
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कैंसर यूनिट के लिए आधुनिक मशीन की जरूरत थी। जिसका प्रस्ताव भेजा गया था। सरकार ने मंजूरी दे दी है, इससे उपचार में सहजता होगी।
डॉ. एसपी गर्ग, संयुक्त संचालक संजयगांधी अस्पताल रीवा
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