ऐसे होता है इलाज
संजयगांधी अस्पताल के विशेषज्ञ डॉ. अजीत मार्को ने बताया कि लीनियर एक्सीलरेटर से सीधे कैंसर ट्यूमर वाले हिस्से पर रेडिएशन डाला जाता है, जो दूसरे सेल को खत्म करने के बजाय केवल कैंसर सेल को खत्म करता है। इसमें दूसरी मशीनों के मुकाबले ज्यादा रेडिएशन निकलता है। इसी कारण इसे चलाने के दौरान रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट का होना जरूरी है। कोबाल्ट मशीन से कैंसर ट्यूमर के क्षेत्र से एक-दो सेंटीमीटर अधिक क्षेत्र में रेडिएशन दिया जाता है, जिसके कारण स्वस्थ कोशिकाएं भी प्रभावित होती हैं। मरीज को कमजोरी, खून की कमी, सूजन जैसी समस्या होती है। कई मरीज इलाज अधूरा छोड़ देते हैं, जबकि लीनियर एक्सीलेटर कैंसर उपचार के लिए आधुनिक तकनीक का उपकरण है।
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कैंसर यूनिट के लिए आधुनिक मशीन की जरूरत थी। जिसका प्रस्ताव भेजा गया था। सरकार ने मंजूरी दे दी है, इससे उपचार में सहजता होगी।
डॉ. एसपी गर्ग, संयुक्त संचालक संजयगांधी अस्पताल रीवा
संजयगांधी अस्पताल के विशेषज्ञ डॉ. अजीत मार्को ने बताया कि लीनियर एक्सीलरेटर से सीधे कैंसर ट्यूमर वाले हिस्से पर रेडिएशन डाला जाता है, जो दूसरे सेल को खत्म करने के बजाय केवल कैंसर सेल को खत्म करता है। इसमें दूसरी मशीनों के मुकाबले ज्यादा रेडिएशन निकलता है। इसी कारण इसे चलाने के दौरान रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट का होना जरूरी है। कोबाल्ट मशीन से कैंसर ट्यूमर के क्षेत्र से एक-दो सेंटीमीटर अधिक क्षेत्र में रेडिएशन दिया जाता है, जिसके कारण स्वस्थ कोशिकाएं भी प्रभावित होती हैं। मरीज को कमजोरी, खून की कमी, सूजन जैसी समस्या होती है। कई मरीज इलाज अधूरा छोड़ देते हैं, जबकि लीनियर एक्सीलेटर कैंसर उपचार के लिए आधुनिक तकनीक का उपकरण है।
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कैंसर यूनिट के लिए आधुनिक मशीन की जरूरत थी। जिसका प्रस्ताव भेजा गया था। सरकार ने मंजूरी दे दी है, इससे उपचार में सहजता होगी।
डॉ. एसपी गर्ग, संयुक्त संचालक संजयगांधी अस्पताल रीवा