गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्वपर शहर में निकली भव्य शोभा यात्रा
रीवाPublished: Nov 18, 2019 12:55:32 am
गुरुद्वारा गल्ला मंडी से शोभायात्रा निकलकर शहर का किया भ्रमण, गुरुनानक के संदेश पर चलने किया प्रेरित
Shobha Yatra in the city of 550th Prakash Parvar of Gurunanak Dev
रीवा. गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में रविवार को शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जो गुरुद्वारा गल्ला मंडी अमहिया से निकलकर विभिन्न मार्गों से होते हुए शहर का भ्रमण किया। यात्रा कला मंदिर से होते हुए शिल्पी प्लाजा, ताला हाउस, पुराना बस स्टैंड, जय स्तंभ चौक पहुंची।जहां भव्य स्वागत किया गया। इसके साथ ही वेंकट रोड, स्टेचू चौराहा, अस्पताल चौराहा से होते हुए पुन: गुरुद्वारा पहुंची। कीर्तन यात्रा का शहर में जगह-जगह स्वागत किया गया। गल्ला मंडी में संजय वाधवानी, अपना बाजार में अशोक टेकवानी, शिल्पी प्लाजा में मनी दुग्गल, सुरेश रामचंदानी एवं ताला हाउस के पास रमेश ठारवानी सहित बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने स्वागत किया। पुराने बस स्टैंड में व्यापारी संघ के प्रदीप अग्रवाल, गुरुगोविंद सिंह कांप्लेक्स में प्रहलाद सिंह, व्यंकट रोड में सुरेश वाधवानी ,दिलीप ठारवानी, अनिल ठारवानी, सतपाल चुंगवानी, पप्पू सरदार ने स्वागत किया। ताला हाउस रोड हनुमान मंदिर के पास पूर्वमहापौर वीरेन्द्र गुप्ता के नेतृत्व में नगर कीर्तन का स्वागत किया गया। समाजसेवी मनोहर ठारवानी, अभिराज चौथवानी, नारायण डिगवानी, माधव प्रीतवानी, सुमित मांजवानी, नारायण ताम्रकार, प्रकाश गुप्ता सहित कई लोगों ने स्वागत किया। शिल्पी प्लाजा में अग्रवाल समाज, अग्रवाल नव युवक मंडल एवं अग्रवाल मित्र मंडली ने शोभायात्रा का स्वागत किया।
पंच प्यारों के आगे फूल बिछाते चल रही थी महिलाएं
शोभायात्रा में सबसे आगे सेवादार चल रहे थे। इसके बाद गुरुनानक जी के फोटो चित्र लगे वाहन उनके संदेशों को फैलाते धीरे – धीरे आगे बढ़ रहे थे। सड़क पर पानी डालते हुए वाहन भी थे। इसके बाद फिर सेवादार रास्ते में झाडू लगा कर साफकर रहे थे। इसके बाद महिलाएं कीर्तन करते हुए रास्ते में फूल गिराकर पंच प्यारों के लिए रास्ता बना रही थी। इसके बाद पंच प्यारे चल रहे थे। नगर कीर्तन में एक बड़ा वाहन फूलों से आकर्षक रूप से सजाकर शामिल किया गया। जिसमें कीर्तन करते हुए छोटे-छोटे बच्चे सुशोभित हो रहे थे। शोभायात्रा में ढोल नगाड़े भी शामिल किए गए। । गुरुग्रंथ साहब की जगह-जगह आरती हुई। शोभायात्रा गुरुद्वारे से प्रारंभ होकर प्रमुख मार्गों से होते हुए वापस गुरुद्वारे पहुंची। अयोध्या फैसले के कारण 10 नवंबर को निर्धारित चल समारोह नहीं निकल सका था। जिसकी वजह से १७ नवंबर को शोभायात्रा निकाली गई।