अपनों से मिलते ही छलक पड़े आंसू
रिमझिम फुहारों और आंखों से छलकते आंसू के बीच बहनों ने जेल में बंद भाइयों की कलाई में प्यार की डोर बांधी। अपनों को देख कर बंदियों के साथ परिवार के सदस्य भी अपनी आंखों से आंसू न रोक पाए। खुशी के बीच पूरा माहौल गमहीन नजर आ रहा था। जेल के बाहर लंबी लाइन लगी हुई थी जिनको एक-एक करके जेल प्रशासन अंदर प्रवेश दे रहा था।
रिमझिम फुहारों और आंखों से छलकते आंसू के बीच बहनों ने जेल में बंद भाइयों की कलाई में प्यार की डोर बांधी। अपनों को देख कर बंदियों के साथ परिवार के सदस्य भी अपनी आंखों से आंसू न रोक पाए। खुशी के बीच पूरा माहौल गमहीन नजर आ रहा था। जेल के बाहर लंबी लाइन लगी हुई थी जिनको एक-एक करके जेल प्रशासन अंदर प्रवेश दे रहा था।
710 बंदियों ने बंधाई राखी
रक्षाबंधन के 710 बंदियों को राखी बांधी गई थी। 2700 महिलाएं जेल में अपने भाईयों को राखी बांधने के लिए आई थी। सुरक्षा के मद्देनजर जेल प्रशासन ने बाहर से ले जाने वाले सामानों पर प्रतिबंध लगा दिया था। सिर्फ भाईयों के लिए मिठाई व राखी ले जाने की अनुमति दी गई थी।
रक्षाबंधन के 710 बंदियों को राखी बांधी गई थी। 2700 महिलाएं जेल में अपने भाईयों को राखी बांधने के लिए आई थी। सुरक्षा के मद्देनजर जेल प्रशासन ने बाहर से ले जाने वाले सामानों पर प्रतिबंध लगा दिया था। सिर्फ भाईयों के लिए मिठाई व राखी ले जाने की अनुमति दी गई थी।
प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी की बहनों ने कैदियों को बांधी राखी
रक्षाबंधन के दिन जिन कैदियों की बहने जेल नहीं पहुंच पाई थी उनके लिए जेल प्रशासन द्वारा शुक्रवार को कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी की बहने शुक्रवार को जेल पहुंची जहां पर उन्होंने करीब 200 बंदियों को राखी। इस दौरान उन्होंने बंदियों को अपराध व नशा छोडऩे की कसम खिलाई और उनको मिष्ठान का वितरण किया गया। उन्होंने कैदियों के सामने मनमोहक भजन भी प्रस्तुत किया।
रक्षाबंधन के दिन जिन कैदियों की बहने जेल नहीं पहुंच पाई थी उनके लिए जेल प्रशासन द्वारा शुक्रवार को कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी की बहने शुक्रवार को जेल पहुंची जहां पर उन्होंने करीब 200 बंदियों को राखी। इस दौरान उन्होंने बंदियों को अपराध व नशा छोडऩे की कसम खिलाई और उनको मिष्ठान का वितरण किया गया। उन्होंने कैदियों के सामने मनमोहक भजन भी प्रस्तुत किया।