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कांग्रेस में बवाल, दीपक बावरिया से धक्कामुक्की में कांग्रेस के छह कार्यकर्ता पार्टी से निष्कासित

locationरीवाPublished: Aug 01, 2018 09:07:44 pm

Submitted by:

Manoj singh Chouhan

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी के साथ रीवा में धक्कामुक्की के बाद गर्मा गई थी प्रदेश की सियासत, भाजपा भी कूद पड़ी थी

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रीवा। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया से रीवा में धक्कामुक्की और झूमाझटकी के मामले में कांग्रेस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए छह कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। प्रदेश कांग्रेस ने घोर अनुशासनहीनता का मामला मानते हुए यह कार्रवाई की। वहीं मामले में दो नेताओं से सात दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है। समय पर जवाब न देने पर पार्टी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात कही है।
इन कार्यकर्ताओं को किया निष्कासित

जिन कार्यकर्ताओं को प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया गया है उनमें सिरमौर के राजेश सिंह, जवा के भास्कर सिंह, त्योंथर के राहुल सिंह, रीवा के संदीप सिंह, धर्मेंद्र तिवारी और मानवेंद्र सिंह शामिल हैं। वहीं कांग्रेस नेता चक्रधर सिंह जवा और पार्षद विनोद शर्मा को नोटिस दी गई है। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं पार्टी के संगठन प्रभारी की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि बावरिया से दुव्र्यवहार के समय कांग्रेसजनों को आप दोनों ने उकसाया। इसे अनुशासनहीनता मानते हुए स्पष्टीकरण माना गया है। गौरतलब है कि दीपक बबरिया से दुव्र्यवहार के बाद प्रदेश कांग्रेस में बवाल मच गया है।
इस बयान के बाद मचा हंगामा

सीएम पद के प्रत्याशी को लेकर चल रही अटकलों के बीच बावरिया ने रीवा में कहा था कि सरकार बनी तो पार्टी के पास केवल दो चेहरे ही हैं जिसमें से कोई एक मुख्यमंत्री बनेगा। इसमें कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम शामिल है। विंध्य में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को बतौर सीएम प्रत्याशी के रूप में कार्यकर्ता देख रहे हैं। इस बयान के कुछ देर बाद ही कांग्रेस के करीब दो दर्जन कार्यकर्ता एक साथ पहुंच गए, जिन्होंने बावरिया से सवाल किया कि उनकी ओर से सीएम पद के प्रत्याशी के नाम का ऐलान कैसे कर दिया गया। बढ़ती भीड़ को देखते हुए बावरिया ने सभी को बाहर करने के लिए निर्देश दिया। उनके साथ मौजूद लोगों ने कार्यकर्ताओं को बाहर निकालने का प्रयास किया। इसी बीच कुछ कार्यकर्ताओं ने बावरिया के साथ भी धक्कामुक्की कर दी थी।
गृहमंत्री ने की सुरक्षा देने की बात

इस मामले में बीजेपी भी कूद पड़ी। इससे प्रदेश की सियासत गर्मा गई थी। गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने दीपक बावरिया को चि_ी लिखकर था कि अगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं से सुरक्षा चाहिए तो राज्य सरकार उनकी मदद के लिए तैयार है। इसके बाद से दोनों दलों के नेताओं में वार-पलवार का दौर शुरू हो गया है। बावरिया ने कहा कि उन्हें सरकार के अहसान की जरूरत नहीं है। वे कांग्रेस नेताओं की नहीं जनता की सुरक्षा का इंतजाम करें।
बावरिया ने पहले ही दे दिए थे कार्रवाई के संकेत

रीवा विवाद पर इशारे में बोलते हुए बाबरिया ने सीधी में था कहा कि कांग्रेस मेरी मां है, और जो मेरी मां को गाली देगा वह बख्शा नहीं जाएगा। जो कांग्रेस का नहीं वह मेरा नहीं हो सकता। बावरिया का कुर्ता खींचने से बाबरिया का कुछ बिगडऩे वाला नहीं है।
भाजपा का बताया था षड्यंत्र

दीपक बाबरिया ने पहले मीडिया से बातचीत में कहा था कि मेरे दिए किसी बयान पर किसी भी तरह की घटना नहीं हुई। बल्कि कांग्रेस की सक्रियता को देखकर भाजपा विचलित है। इस कारण वे अनैतिक तरीकों का उपयोग कर रही है। भाजपा के पेड कार्यकर्ता कांग्रेसियों से चर्चा के दौरान भीड़ के रूप में मेरे कमरे में घुस आए, जो कहने लगे कि मेरी सुनें, इसी को लेकर अभद्रता की।
 

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नेता प्रतिपक्ष ने किया पलटवार
प्रदेश के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह द्वारा कांग्रेस के प्रदेश संगठन प्रभारी दीपक बावरिया की सुरक्षा को लेकर लिखे गए पत्र का जवाब नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने दिया है। उन्होंने भी एक पत्रगृहमंत्री के नाम लिखा है जिसमें कहा हैकि आप राजनीतिक मजे लेने के लिए गृहमंत्री नहीं बने हैं जनता की सुरक्षा करिए, महिलाओं और कमजोर वर्गों पर हो रहे अत्याचार को रोकिए। इन्हीं के प्रति पहली जवाबदेही हैं। पत्र में कहा कि पहली बार ऐसा लगा कि सुरक्षा शब्द से आपका लेना-देना है, इसीलिए कांग्रेस को पत्र भेज रहे हैं।
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