सोलर पावर प्लांट का होगा एक्सटेंशन, 1000 मेगावाट उत्पादन की तैयारी
- अभी 750 मेगावाट बिजली का हो रहा है उत्पादन
- आसपास की निजी भूमि का अधिग्रहण करने के लिए चिन्हांकन शुरू

रीवा। अल्ट्रामेगा सोलर पॉवर प्लांट बदवार का एक्सटेंशन करने की तैयारी शुरू की गई है। इसके आसपास की भूमि को लेकर प्लांट के हिस्से में शामिल करते हुए वहां पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे और बाद में उसी से बिजली का उत्पादन भी होगा। वर्तमान में इस प्लांट की बिजली उत्पादन क्षमता 750 मेगावॉट की है। अपनी क्षमता के अनुरूप पूरा उत्पादन भी इसमें हो रहा है।
बंजर भूमि के बीच लगाए गए इस प्लांट को प्रधानमंत्री ने भी सोलर एनर्जी का मॉडल प्रोजेक्ट बताया है। बीते जुलाई महीने में आधिकारिक रूप से इसका लोकार्पण भी हो चुका है। सोलर पॉवर का यह पहला ऐसा प्लांट है जिसकी बिजली एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश भेजने की शुरुआत हुई है।
दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन को यहां से बिजली भेजी जा रही है। पहाड़ी क्षेत्र के नजदीक पथरीली और बंजर भूमि जहां पर कृषि या अन्य कार्य नहीं किए जा सकते थे, उसे सोलर पॉवर प्लांट के लिए चुना गया है। इसके आसपास कुछ भूमि स्थित है, जिसका अधिग्रहण कर प्लांट का दायरा बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। अधिकारियों की ओर से कई बार भ्रमण कर प्रारंभिक रूप रेखा तैयार की गई है।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की मानें तो बदवार सोलर पॉवर प्लांट में बिजली उत्पादन क्षमता 1000 मेगावॉट तक किए जाने की तैयारी की जा रही है। प्रथम दृष्टया अधिकारियों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार करीब 200 मेगावॉट उत्पादन क्षमता चिन्हित भूमि अधिग्रहित करने के बाद बढ़ाई जा सकेगी।
वहीं विभाग के प्रमुख अधिकारियों का कहना है कि एक हजार मेगावॉट से अधिक उत्पादन क्षमता पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, उसी के अनुसार ही इसके एक्सटेंशन की तैयारी की जा रही है।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी होने के बाद ही यह आधिकारिक रूप से कहा जा सकेगा कि कितने मेगावॉट क्षमता का एक्सटेंशन होगा।
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पहले सरकारी भूमि का बड़ा हिस्सा हुआ था अधिग्रहित
सोलर पॉवर प्लांट की बदवार पहाड़ में स्थापना के लिए वन और राजस्व भूमि के बड़े हिस्से को लिया गया था। इसमें 1278 हेक्टेयर सरकारी भूमि थी, साथ ही करीब तीन सौ हेक्टेयर निजी भूमि अधिग्रहित की गई थी। साथ ही इसके आसपास कुछ भूमि छोड़ी भी गई थी। अब उसी भूमि के छोड़े हुए हिस्से को फिर से अधिग्रहित करने की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि इस बार अधिकांश हिस्सा निजी भूमि का ही अधिग्रहित किया जाएगा। सरकारी भूमि का अब कम हिस्सा बचा है। वन भूमि के अधिग्रहण में तकनीकी तौर पर सरकार को भी बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। इसी कारण अब निजी भूमि पर ही फोकस किया जाएगा। बताया जा रहा है कि करीब दो सौ हेक्टेयर भूमि सरकारी भी विभाग की नजर में है, उसके लिए भी प्रस्ताव तैयार किया जाएगा
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प्लांटों की उत्पादन क्षमता में होगा बदलाव
वर्तमान में सोलर पॉवर प्लांट की उत्पादन क्षमता 750 मेगावॉट की है। जिसके लिए तीन इकाइयां बनाई गई हैं। तीनों इकाइयों की उत्पादन क्षमता 250-250 मेगावॉट की है। बताया गया है कि अब एक्सटेंशन के बाद तीनों इकाइयों की उत्पादन क्षमता में बदलाव होगा। दो इकाइयों के आसपास अधिक भूमि खाली होने की वजह से उनकी उत्पादन क्षमता में अधिक वृद्धि हो सकती है। सूत्रों की मानें तो एक्सटेंशन के हिस्से को अलग इकाई बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।
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क्योंटी में भी 350 मेगावॉट का होगा स्थापित
बदवार पहाड़ में 750 मेगावॉट का सोलर पॉवर प्लांट सफलता पूर्वक स्थापित किए जाने के बाद अब रीवा जिले में ही क्योंटी के पास भी बंजर भूमि को चिन्हित किया गया है। यहां पर करीब 350 मेगावाट की इकाई स्थापित करने की तैयारी है। यहां पर 728.361 हेक्टेयर भूमि को चिन्हित किया गया है। जिसमें 17.603 हेक्टेयर वनभूमि का हिस्सा भी शामिल है। सरकार के स्तर से इसकी स्वीकृति मिल गई है।
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प्रक्रिया अभी प्रारंभिक चरण में है, इसलिए यह कहना जल्दबाजी होगी कि कितनी भूमि में एक्सटेंशन होगा। सर्वे किया जा रहा है उसकी रिपोर्ट के आधार पर प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
एसएस गौतम, कार्यपालन यंत्री- नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग
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