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सरकारी कार्यालयों में पिछड़ी जनजातियों की नियुक्ति के लिए चलेगा विशेष अभियान, , शासन का यह है आदेश

locationरीवाPublished: Jun 06, 2019 09:55:57 pm

Submitted by:

Rajesh Patel

संभागायुक्त ने सभी जिला कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं सभी विभाग प्रमुखों को शासकीय सेवा में विशेष पिछड़ी जनजातियों की नियुक्ति के संबंध में निर्देश जारी किए हैं
 
 

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रीवा. संभागायुक्त ने संभाग के सभी जिला कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं सभी विभाग प्रमुखों को शासकीय सेवा में विशेष पिछड़ी जनजातियों की नियुक्ति के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि मध्यप्रदेश लोक सेवा अनुसूचित जातियोंए अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण, नियम 1998 में शासकीय सेवा में विशेष पिछड़ी जनजातियों की नियुक्ति के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसलिए इन विशेष प्रावधानों के आधार पर उन्हें विभागों में नियुक्त किया जाना सुनिश्चित करें।
इस जिले में नियुक्ति के लिए होगी यह सर्त
संभागायुक्त ने सभी जिला कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं सभी विभाग प्रमुखों को शासकीय सेवा में विशेष पिछड़ी जनजातियों की नियुक्ति के संबंध में निर्देश जारी किए हैं।संभागायुक्त डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने कहा है कि यदि आवेदक श्योपुर, मुरैना, दतिया, ग्वालियर, भिण्ड, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर जिलों की सहारिया अथवा सहरिया आदिम जनजाति का है तथा वह संविदा शाला शिक्षक या तृतीय अथवा चतुर्थ श्रेणी के किसी भी पद अथवा वनरक्षक कार्यपालिक के लिए आवेदन करता है एवं उस पद के लिए निर्धारित की गई न्यूनतम अर्हता रखता है तो उसे भर्ती प्रक्रिया अपना, बिना उक्त पद पर नियुक्त किया जाएगा।
जनजाति पर भी लागू होगी यह व्यवस्था
संभागायुक्त ने संभाग के सभी जिला कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं सभी विभाग प्रमुखों को शासकीय सेवा में विशेष पिछड़ी जनजातियों की नियुक्ति के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि मध्यप्रदेश लोक सेवा अनुसूचित जातियोंए अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण, नियम 1998 में शासकीय सेवा में विशेष पिछड़ी जनजातियों की नियुक्ति के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। विशेष पिछड़ी जातियों के लिए चलाने वाले विशेष अभियान के दौरान उक्त विशेष प्रावधान मण्डला, डिण्डौरी, शहडोल, उमरिया, बालाघाट और अनूपपुर जिलों की बैगा आदिम जनजाति तथा छिन्दवाड़ा व सिवनी जिलों की भारिया जनजाति पर भी लागू होंगे। संभागायुक्त ने कहा है कि कतिपय विभाग उक्त प्रावधान का पालन नहीं कर रहे हैं।

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